
नयी दिल्ली, 31 जनवरी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें जलवायु-अनुकूल एवं अच्छी उपज देने वाली उन्नत प्रजातियां विकसित करना और सूखा प्रभावित क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराने के लिए नदी जोड़ो परियोजनाएं शुरू करना शामिल हैं. बजट सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘ पिछले छह महीने में फसलों की जलवायु अनुकूल, ‘बायो-फॉर्टिफाइड’ और अच्छी उपज देने वाली 109 उन्नत प्रजातियाँ किसानों को सौंपी गई हैं.’’
उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पहले ही भारत मौसम विज्ञान विभाग के 150 साल पूरे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वेदर रेडी और क्लाइमेट स्मार्ट भारत के लिए मेरी सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की लागत से “मिशन मौसम” प्रारम्भ किया है, जिसका लाभ हमारे किसानों को भी मिलेगा.’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘बाबासाहेब आंबेडकर के विजन पर चलते हुए, देश के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए, मेरी सरकार ने दो ऐतिहासिक नदी-जोड़ो परियोजनाओं पर काम आगे बढ़ाया है.’’ यह भी पढ़ें : एक साथ चुनाव, वक्फ अधिनियम में संशोधन महत्वपूर्ण विषय : राष्ट्रपति मुर्मू
उन्होंने कहा कि 44,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लाखों ग्रामीण भाई-बहनों को लाभ मिलेगा. संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश में सिंचाई और पीने के पानी की आवश्यकता की पूर्ति होगी. उन्होंने कहा कि पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए बारह हज़ार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी स्वीकृत की गई है.