मुंबई, 29 नवंबर शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार ने इस साल सितंबर में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल को एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए पत्र लिखा था और इसके कुछ दिन बाद ही कंपनी ने फॉक्सकॉन-वेदांता सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में लगाने की घोषणा की थी।
ठाकरे ने कहा, ‘‘जब एमओयू पर हस्ताक्षर का समय आता है तो यह समझा जाता है कि सारी बातचीत को अंतिम रूप दिया जा चुका है और अगला चरण एमओयू पर हस्ताक्षर करने और कैबिनेट की मंजूरी लेने का होता है। यह सरकार झूठ बोलती रहती है।’’
ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पी अंबालगन द्वारा पांच सितंबर, 2022 को अग्रवाल को लिखे पत्र का उल्लेख किया जिसमें वेदांता, फॉक्सकॉन और ऐवनस्ट्रेट को एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए सुविधानुसार समय और तारीख बताने को कहा था।
ठाकरे ने आरोप लगाया कि मौजूदा एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार झूठ बोल रही है और वह इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ खुली बहस को तैयार हैं।
ठाकरे ने जो दस्तावेज साझा किया उसके अनुसार शिंदे ने 26 जुलाई को पत्र साझा किया था और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ 29 जुलाई को व्यक्तिगत बैठक के बाद वेदांता फैब सिटी के विचारार्थ एक प्रस्ताव भेजा गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह झूठ फैलाया जा रहा है कि वेदांता-फॉक्सकॉन ने 1.54 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर संयंत्र के निर्माण के लिए गुजरात को चुना क्योंकि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार उसे राज्य में लाने में विफल रही।
ठाकरे के आरोपों को खारिज करते हुए प्रदेश के औद्योगिक मंत्री उदय सामंत ने कहा कि एमओयू पर कभी दस्तखत नहीं किये गये।
उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने अग्रवाल से एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने गुजरात के बारे में फैसला लिये जाने का ट्वीट किया।
सामंत ने कहा, ‘‘एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक होनी चाहिए थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 15 जुलाई को बैठक हुई। आठ महीने तक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक नहीं हुई थी।’’
ठाकरे और विपक्षी दल इस महत्वाकांक्षी परियोजना के राज्य में नहीं आने पर मुख्यमंत्री शिंदे पर निशाना साधते रहे हैं।
उन्होंने पूछा, ‘‘यदि यह परियोजना महाराष्ट्र में नहीं आ रही थी तो एमओयू पर दस्तखत के लिए यह पत्र क्यों लिखा गया? कौन झूठ बोल रहा है? उप मुख्यमंत्री या उद्योग मंत्री क्या झूठ बोल रहे हैं? असंवैधानिक मुख्यमंत्री बोलते नहीं हैं जैसे कि उन्हें कुछ पता ही नहीं है।’’
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