नयी दिल्ली, 17 मई भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने शुक्रवार को कहा कि अगले महीने कुवैत के खिलाफ विश्व कप क्वालीफायर के बाद संन्यास का फैसला उन्होंने अंतर्मन की आवाज पर लिया और घरेलू सर्किट पर अपने उत्तरदायित्व पूरे करने के बाद वह ब्रेक लेना चाहेंगे ।
39 वर्ष के छेत्री ने कुवैत के खिलाफ छह जून को फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग मैच के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने का फैसला लिया है । इसके साथ ही 19 बरस के उनके सुनहरे कैरियर पर भी विराम लग जायेगा जिसमें उन्होंने 150 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल भारत के लिये सर्वाधिक 94 गोल किये ।
छेत्री ने वर्चुअल बातचीत में कहा ,‘‘ संन्यास का फैसला शारीरिक कारणों से नहीं लिया । मैं अभी भी फिट हूं, दौड़ रहा हूं , डिफेंड कर रहा हूं, मेहनत करना मुश्किल नहीं है । यह फैसला मानसिक पहलू को ध्यान में रखकर लिया ।’’
उन्होंने हालांकि मानसिक स्वास्थ्य के मसले पर विस्तार से कुछ नहीं कहा । मौजूदा दौर में विभिन्न खेलों में यह खिलाड़ियों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है ।
छेत्री ने कहा ,‘‘ मैं खुद से लड़ रहा था । समग्र रूप से सोचने की कोशिश कर रहा था और अचानक यह फैसला लिया । एक साल बेंगलुरू एफसी के लिये खेलूंगा । घरेलू फुटबॉल कब तक खेलूंगा , पता नहीं । उसके बाद ब्रेक लूंगा ।’’
यह पूछने पर कि बतौर खिलाड़ी कैरियर खत्म होने पर क्या वह कोचिंग के बारे में सोचेंगे, छेत्री ने कहा ,‘‘ मैं कभी ना नहीं कहूंगा । ब्रेक के दौरान इस पर सोचूंगा लेकिन अभी यह मेरे एजेंडे में प्राथमिकता नहीं है ।’’
छेत्री का इंडियन सुपर लीग टीम के साथ अनुबंध अगले साल तक है ।
बाईचुंग भूटिया के बाद भारतीय फुटबॉल के ध्वजवाहक रहे छेत्री ने कहा कि उन्होंने फैसला लेने से पहले कोच इगोर स्टिमक से बात की ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं स्टिमक के पास गया और इस फैसले के बारे में बताया । वह मेरी बात समझ गए ।’’
कोच के अलावा उन्होंने भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली से भी इस पर बात की ।
उन्होंने कहा ,‘‘ वह मेरे काफी करीब है और मुझे समझता है ।’’
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