नयी दिल्ली, 17 नवंबर दिल्ली की एक सत्र न्यायालय ने दिवाली के मौके पर नवंबर 2013 में लापरवाही से पटाखा जलाकर एक व्यक्ति की आंख को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक व्यक्ति को दोषी ठहराए जाने का आदेश बरकरार रखा और उसे छह महीने की सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दोषी नवीन कुमार ने तीन नवंबर, 2013 को दिवाली के अवसर पर लापरवाही से रॉकेट जलाया और उस बोतल को लात मारी जिसमें रॉकेट था। इसके कारण रॉकेट शिकायतकर्ता की दाहिनी आंख में लगा जिससे हमेशा के लिए उसकी आंख की रोशनी चली गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पूरन चंद ने 2019 में मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया आदेश बरकरार रखा जिसमें कुमार को छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। आरोपी ने निचली अदालत के 2019 के आदेश को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में कहा था कि निचली अदालत ने अनुमान के आधार पर सजा सुनाई और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया।
न्यायाधीश ने दोषी की अपील खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराने में कोई गलती नहीं की। अदालत ने दोषी को हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया ताकि वह सजा काट सके।
अदालत ने 16 नवंबर को दिए आदेश में दोषी को सजा भुगतने के लिए जेल भेज दिया। घटना तीन नवंबर 2019 को दिल्ली के निलोठी इलाके में हुई थी जब शिकायतकर्ता अपने घर के बाहर खड़ा था।
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