कोच्चि (केरल), चार अगस्त केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन कर्मचारियों की जानकारियां देने का निर्देश दिया है, जिन्होंने केंद्र की नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल के दौरान काम नहीं किया था।
अदालत ने साथ ही काम पर न जाने के लिए कार्रवाई का सामना करने वाले कर्मचारियों की भी जानकारियां मांगी।
उच्च न्यायालय ने एलडीएफ सरकार को एक सारणी बनाकर ‘‘उन सरकारी कर्मचारियों की जानकारियां देने को भी कहा, जिन्होंने अवकाश लिया था बेशक उसकी अनुमति दी गयी हो या न दी गयी हो या इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया हो।’
अदालत ने यह भी साफ किया कि राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले बयान में ‘‘अभी तक की गयी अनुशासनात्मक कार्रवाई आदि की जानकारियां भी होनी चाहिए।’’ उसने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 24 अगस्त की तारीख तय कर दी है।
अदालत ने यह जानकारियां तब मांगी हैं जब इससे पहले राज्य सरकार ने कहा कि उसने दो दिन काम पर नही आने वाले अपने कर्मचारियों के खिलाफ केरल सेवा नियमावली के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।
सरकार ने मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चैली की पीठ को यह भी बताया कि उसने अनधिकृत तरीके से छुट्टी देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के वास्ते दिशा निर्देश जारी किए थे।
अदालत का आदेश वकील चंद्र चूडन नायर एस की याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश देकर 28 और 29 मार्च को हड़ताल में शामिल होने में मदद कर रही थी, जबकि उसे इन दोनों दिन छुट्टी करने के लिए वेतन कटौती की घोषणा करनी चाहिए थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)