मुंबई, 27 दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को प्रीपेड कार्ड धारकों को तीसरे पक्ष वाले मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये यूपीआई भुगतान करने और भुगतान पाने की अनुमति दे दी।
आरबीआई के इस निर्णय से गिफ्ट कार्ड, मेट्रो रेल कार्ड और डिजिटल वॉलेट जैसे पीपीआई (प्रीपेड उत्पाद) धारकों को अधिक सुविधा होगी।
केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि तीसरे पक्ष वाले यूपीआई ऐप के जरिये पूर्ण-केवाईसी वाले प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) से एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) भुगतान को सक्षम करने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह पीपीआई को यूपीआई भुगतान पाने की भी मंजूरी होगी।
पीपीआई ऐसे उपकरण हैं जो वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद, वित्तीय सेवाओं के संचालन और उसमें संग्रहीत मूल्य के विरुद्ध धनप्रेषण सुविधाओं को सक्षम करते हैं।
वहीं यूपीआई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा मोबाइल फोन के जरिये अंतर-बैंक लेनदेन की सुविधा के लिए विकसित एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है।
आरबीआई ने कहा, "एक पीपीआई जारीकर्ता अपने ग्राहक को यूपीआई हैंडल से जोड़कर केवल अपने पूर्ण-केवाईसी वाले पीपीआई धारकों को यूपीआई भुगतान करने में सक्षम करेगा। जारीकर्ता के एप्लिकेशन पर पीपीआई से यूपीआई लेनदेन ग्राहक के मौजूदा पीपीआई पहचान का उपयोग करके प्रमाणित किया जाएगा।"
इसका मतलब है कि इस तरह के लेनदेन को यूपीआई प्रणाली तक पहुंचने से पहले पूर्व-अनुमोदित किया जाएगा।
आरबीआई ने कहा कि भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में पीपीआई जारीकर्ता को किसी भी बैंक या किसी अन्य पीपीआई जारीकर्ता के ग्राहकों को अपने साथ नहीं जोड़ना चाहिए।
फिलहाल किसी बैंक खाते से यूपीआई भुगतान उस बैंक या किसी तीसरे पक्ष के एप्लिकेशन प्रदाता के यूपीआई एप्लिकेशन का उपयोग करके किया जा सकता है।
हालांकि पीपीआई से यूपीआई भुगतान केवल पीपीआई जारीकर्ता द्वारा प्रदान किए गए मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके ही किया जा सकता है।
प्रेम
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