मुंबई, एक मार्च बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक मराठी फिल्म में कथित आपत्तिजनक दृश्यों से जुड़े मामले में फिल्मकार महेश मांजरेकर और दो निर्माताओं को गिरफ्तारी से तीन सप्ताह की अस्थायी राहत प्रदान की।
अदालत ने मुंबई पुलिस को इस अवधि में आरोपियों के खिलाफ ''सख्त कार्रवाई'' नहीं करने का निर्देश दिया।
यह मामला मराठी फिल्म ''नाय वरनभात लोन्चा कोन नाय कोन्चा'' में कथित तौर पर फिल्माए गए आपत्तिजनक दृश्यों से जुड़ा है, जिसमें नाबालिगों को भी दिखाया गया है।
मुंबई पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में मांजरेकर एवं अन्य के खिलाफ यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
फिल्म का निर्देशन करने वाले मांजरेकर और निर्माताओं नरेंद्र हिरावत और श्रेयांश हिरावत ने मुकदमा रद्द करने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया है। तीनों ने गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने का अनुरोध भी अदालत से किया।
याचिकाकर्ताओं के वकीलों शिरीष गुप्ते और अबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि मांजरेकर और हिरावत जांच में सहयोग करने के इच्छुक हैं और वे जब भी पुलिस पूछताछ के लिए बुलाएगी, उसके समक्ष पेश होंगे।
न्यायमूर्ति पी बी वराले और एस पी तावड़े ने मामले की संक्षिप्त सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं को अस्थायी राहत प्रदान की।
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