नयी दिल्ली, आठ नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने एक पुरुष को एक महिला के निजी जीवन में ताक-झांक करने तथा उसे निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला करने के आरोपों से बरी कर दिया है।
अदालत ने कहा कि मामला बिना किसी सच्चाई के एक पूर्व नियोजित शिकायत पर आधारित प्रतीत होता है।
अदालत बाबू साहब राय के खिलाफ मामले में सुनवाई कर रही थी। राय पर महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला करने तथा महिला के नहाने के दौरान की तस्वीरें लेने का आरोप है। यह घटनाक्रम जुलाई 2012 से 11 नवंबर, 2016 के बीच का है।
शिकायती महिला के अनुसार, राय ने महिला के साथ बदसलूकी भी की।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अल्का सिंह ने हाल में एक आदेश में कहा,‘‘अंतत: यह कहा जा सकता है कि शिकायती आरोपी के खिलाफ संदेह से परे मामले को साबित नहीं कर सकी और इसलिए आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 354बी, 354सी तथा 509 के तहत दर्ज अपराधों से बरी किया जाता है।’’
अदालत के मुताबिक, महिला ने आरोप लगाया था कि राय ने महिला के साथ अनेक मौकों पर मारपीट की, लेकिन साक्ष्य के रूप में कोई चिकित्सीय दस्तावेज पेश नहीं किया गया।
अदालत ने कहा कि शिकायती के पति के अलावा अभियोजन पक्ष ने अन्य किसी गवाह से पूछताछ नहीं की।
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