नयी दिल्ली, 26 नवंबर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने मंगलवार को कहा कि संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है बल्कि यह भारत की प्रगति के लिए मार्गदर्शक है।
उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के मूल्यों को बनाये रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी नागरिकों के लिए समानता, न्याय और सम्मान सुनिश्चित करने के पक्षधर हैं।’’
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) के भीम सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया।
‘विकसित भारत 2047 के लिए संवैधानिक मूल्यों को आगे बढ़ाना’ शीर्षक वाले इस कार्यक्रम में न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुमार के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना के औपचारिक संबोधन के साथ हुई।
अपने संबोधन में कुमार ने संविधान को लोकतंत्र की नींव बताया और भारत के विकास में मार्गदर्शक के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है बल्कि यह हमारे देश की प्रगति के लिए मार्गदर्शक है। इसके मूल्यों को कायम रखना अहम है, क्योंकि हम सभी नागरिकों के लिए समानता, न्याय और सम्मान सुनिश्चित करने के पक्षधर हैं।”
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