बैंक ऑफ इंग्लैंड की मौद्रिक नीति समिति ने बहुमत से प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया। इस कटौती के बाद नीतिगत दर 16 साल के उच्चस्तर 5.25 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत पर आ गई।
यह वर्ष 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी आने के बाद पहला मौका है जब ब्रिटेन की नीतिगत ब्याज दर में कटौती हुई है। कई बार बढ़ोतरी होने के बाद पिछले एक साल से ब्याज दर में कोई भी बदलाव नहीं हुआ था।
हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति के दो प्रतिशत के लक्ष्य के भीतर आने से दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही थी।
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद केंद्रीय बैंक के गवर्नर एंड्रयू बेली ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति से जुड़े दबाव इतने कम हो गए हैं कि हम ब्याज दर में कटौती कर पाने में सफल रहे हैं। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रास्फीति निचले स्तर पर ही बनी रहे।’’
दरअसल, कोविड महामारी और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बीते साढ़े चार वर्षों में मुद्रास्फीति दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के लिए लगातार समस्या बनी रही है। इस पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का तरीका अपनाया गया था।
हालांकि, धीरे-धीरे मुद्रास्फीति के काबू में आने पर नीतिगत दर में कटौती का सिलसिला शुरू हुआ है। इस दौरान केंद्रीय बैंकों ने सतर्क रवैया जरूर अपनाया हुआ है।
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