जयपुर, 15 नवंबर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में प्राचीन परम्पराएं और भारतीय संस्कृति आज भी जीवंत दिखाई देती हैं। उन्होंने आदिवासी समाज की कला, संस्कृति और शिल्प को व्यापक स्तर पर संरक्षित करने का आह्वान भी किया।
मिश्र स्वतंत्रता सेनानी, आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर राजभवन में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज में आर्थिक विषमता दूर करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत सुविधाओं और आजीविका के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जनजातियों के समग्र विकास के उद्देश्य से इन क्षेत्रों के लिए योजना निर्माण में नवाचारों और नए कार्यक्रमों के आवश्यकता अनुरूप समावेश पर भी बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी समाज में भगवान के रुप में पूजे जाने वाले महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा ने देश की स्वाधीनता और आदिवासी समाज की संस्कृति एवं गौरव के संरक्षण के लिए जो कार्य किया वह अविस्मरणीय है। उन्होंने जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए सामूहिक सोच के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
मिश्र ने कहा कि जनजातीय कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और इसी अनुरूप प्रदेश में जनजातीय क्षेत्र के निवासियों के कल्याण के लिए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज में देश की आजादी के लिए संघर्ष का बिगुल बजाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की धरती पर भी अमर शहीद नाना भाई खाट और कालीबाई ने अंग्रेजी शासन की दमनकारी नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई।
राज्यपाल ने इस अवसर पर वन-धन योजना में सर्वाधिक लाभार्थियों वाले क्रमशः उदयपुर, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर जिलों के राजीविका के जिला परियोजना प्रबन्धकों को सम्मानित किया।
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