Bangladesh Violence: बांग्लादेश में फिर बढ़ा तनाव, छात्र नेताओं ने वार्ता का PM शेख हसीना का न्योता ठुकराया
Sheikh Hasina | PTI

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के वार्ता के न्योते को अस्वीकार कर दिया और राजधानी ढाका की मुख्य सड़कों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा घेराव किये जाने के बाद, शनिवार को फिर से तनाव फैल गया. यह स्थिति आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों में 200 से अधिक लोगों की मौत होने के कुछ दिन बाद पैदा हुई है.

बांग्लादेश में हाल में पुलिस और मुख्य रूप से प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जो विवादास्पद कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे थे। 1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम लड़ने वाले पूर्व सैनिकों के रिश्तेदारों के लिए, इस कोटा प्रणाली के तहत सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. यह भी पढ़े: Bangladesh Violence: असम के करीब 120 छात्र, त्रिपुरा के 379 छात्र बांग्लादेश से लौटे- अधिकारी

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने ढाका की प्रमुख सड़कों को अवरूद्ध कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर रैली निकालने के कारण सुरक्षा बलों को कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया गया है।

शुक्रवार को, प्रधानमंत्री हसीना ने आंदोलनकारी छात्रों से सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली को लेकर हो रही हिंसा को समाप्त करने के लिए बातचीत के लिए अपने सरकारी आवास गणभवन पर मिलने की अपील की थी.

शुक्रवार को फिर से विरोध प्रदर्शन होने पर दो लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हुए हैं। राजधानी ढाका के कुछ हिस्सों में 2,000 से अधिक प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए थे और उनमें से कुछ लोग ‘‘तानाशाह मुर्दाबाद’’ के नारे लगा रहे थे तथा पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।

हसीना ने विभिन्न पेशेवर समूहों के नेताओं के साथ बैठक के दौरान कहा, ‘‘मैं फिर कह रही हूं कि वे (छात्र नेता) यदि चाहें तो बातचीत के लिए मेरे पास आ सकते हैं, वे अपने अभिभावकों को भी किसी भी समय अपने साथ ला सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘गणभवन का दरवाजा (उनके लिए) खुला हुआ है.  हसीना ने कहा, ‘‘मैं उनकी बात सुनना चाहती हूं। मैं टकराव नहीं चाहती. सत्तारूढ़ अवामी लीग के सूत्रों ने कहा कि पार्टी के तीन नेताओं को आरक्षण विरोधी आंदोलन के समन्वयकों से संवाद करने और उन्हें समझाने-बुझाने का काम सौंपा गया है।,

इस बीच, दो पुलिस अधिकारियों को उनके ‘‘गैर-पेशेवर आचरण’’ के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया। इन अधिकारियों ने गोलियां चलाई थीं, जिसमें नॉर्थवेस्टर्न रंगपुर विश्वविद्यालय के स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र अबू सईद की मौत हो गई, जिससे छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया.

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