हैदराबाद, दो नवंबर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दुनिया की सबसे बड़ी बहु-चरणीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना कहलाने वाली तेलंगाना की कालेश्वरम परियोजना के मेदिगड्डा बैराज का दौरा किया, जहां बैराज के कई खंभों में दरारें दिखने लगी हैं।
'नुकसान' का निरीक्षण करने के बाद राहुल ने आरोप लगाया कि घटिया निर्माण के कारण बैराज के कई खंभों में दरारें पड़ गई हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कालेश्वरम परियोजना यानी केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव) परिवार का एटीएम। मैं मेदिगड्डा बैराज गया, जो तेलंगाना में भ्रष्टाचार से ग्रस्त ‘कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई योजना’ का एक हिस्सा है।’’
राहुल ने कहा, ‘‘खराब निर्माण के कारण कई खंभों में दरारें पड़ गई हैं। कई रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि खंभे धंस रहे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर और उनका परिवार तेलंगाना के लोगों को लूटने के लिए कालेश्वरम परियोजना का अपने निजी एटीएम के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
राहुल के साथ कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी और अन्य लोग भी मेदिगड्डा बैराज पहुंचे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बुधवार को तेलंगाना में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान कालेश्वरम परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने लोगों को अपनी पार्टी द्वारा बनाया गया एक नकली ‘कालेश्वरम एटीएम’ दिखाया था।
हाल ही में, बांध सुरक्षा प्राधिकरण के अधिकारियों की एक टीम ने मेदिगड्डा बैराज के खंभों में ‘दरार’ की खबरों के बाद उसका दौरा किया था।
कालेश्वरम परियोजना का उद्घाटन साल 2019 में किया गया था। इसका उद्देश्य गोदावरी नदी से 195 टीएमसी पानी को तेलंगाना के पिछड़े इलाकों की तरफ मोड़ना है।
परियोजना के तहत गोदावरी नदी के 195 टीएमसी पानी को श्रीपद राव येलमपल्ली परियोजना की तरफ मोड़ने और आदिलाबाद, करीमनगर व अन्य जिलों में लगभग 18.25 लाख एकड़ के अतिरिक्त अयाकट के निर्माण की परिकल्पना की गई थी, जिसमें राज्य के कई कस्बों और शहरों के लिए 40 टीएमसी पेयजल भी शामिल था।
कालेश्वरम की लागत लगभग 80,000 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी। इसमें मेदिगड्डा, अन्नाराम और सुंडीला में तीन बैराज शामिल हैं।
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