हैदराबाद, 3 दिसंबर : तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को जारी मतगणना के अब तक के रुझानों में कांग्रेस 67 सीट पर बढ़त के साथ अपनी प्रतिद्वंद्वी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से आगे है. राज्य की कुल 119 सीट में कांग्रेस और बीआरएस के बीच अंतर बढ़ता जा रहा है और राज्य में सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार केवल 36 सीट पर आगे हैं. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) भी अपने विधानसभा क्षेत्र कामारेड्डी में कांग्रेस उम्मीदवार रेवंत रेड्डी से पीछे हैं. केसीआर कामारेड्डी के अलावा गजवेल सीट से भी चुनावी मैदान में उतरे थे. निर्वाचन आयोग के अब तक के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आठ और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) तीन सीट पर बढ़त बनाए हुए है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक सीट पर आगे है. निवर्तमान विधानसभा में बीआरएस के 101 सदस्य, एआईएमआईएम के सात, कांग्रेस के पांच और भाजपा के तीन सदस्य हैं. इसके अलावा ‘ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक’ का एक विधायक है. विधानसभा में एक निर्दलीय विधायक है और एक सीट रिक्त है.
केसीआर गजवेल विधानसभा क्षेत्र में दूसरे दौर की मतगणना के बाद भाजपा उम्मीदवार एवं अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ई राजेंद्र से 3,020 मतों से आगे हैं, लेकिन कामारेड्डी में पांच दौर की मतगणना के बाद कांग्रेस की तेलंगाना इकाई के प्रमुख रेवंत रेड्डी से 2,133 मतों के अंतर से पीछे हैं. रेड्डी कोडंगल में भी आगे है. वह दूसरे दौर की मतगणना के बाद बीआरएस नेता एवं अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पी. नरेंद्र रेड्डी से 2,513 से आगे हैं. तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष पी श्रीनिवास रेड्डी कांग्रेस नेता रविंदर रेड्डी से 5,255 मतों से आगे हैं. पहले दौर की मतगणना के बाद भाजपा की तेलंगाना इकाई के पूर्व प्रमुख बंदी संजय कुमार करीमनगर में अपने प्रतिद्वंद्वी एवं बीआरएस नेता जी कमलाकर से 1,145 मतों से पीछे हैं. अपने हिंदुत्व समर्थक विचारों के लिए जाने जाने वाले भाजपा उम्मीदवार राजा सिंह गोशमहल निर्वाचन क्षेत्र में दो दौर की मतगणना के बाद बीआरएस उम्मीदवार नंद किशोर व्यास से 2,891 मतों से आगे हैं. यह भी पढ़ें : Delhi Police Podcast: रात में हलवाई, दिन में फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर, जानें लोगों को कैसे ठगता था बहरुपिया, सुनिए दिल्ली पुलिस का पॉडकास्ट
पहले दौर की मतगणना के अनुसार, क्रिकेटर एवं कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अजहरुद्दीन जुबली हिल्स क्षेत्र से अपने प्रतिद्वंद्वी एवं बीआरएस नेता महंती गोपीनाथ से 306 मतों से पीछे हैं. दक्षिणी राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को साधारण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम 60 सीट जीतनी होंगी. के. चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस 2014 में तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद से सत्ता पर काबिज है. इसने 2018 का चुनाव भी जीता था. पार्टी इस बार भी लगातार तीसरी बार जीत की उम्मीद कर रही है. कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल को सत्ता से हटाने के उद्देश्य से पूरे जोर-शोर से चुनाव प्रचार अभियान चलाया था. भाजपा ने भी अपने प्रचार अभियान के दौरान सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ तीखा हमला किया था.