नयी दिल्ली, 10 दिसंबर : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि कोरोना वायरस रोधी टीके की बूस्टर खुराक की जरूरत एवं औचित्य के संबंध में कोविड-19 रोधी टीका लगाने पर राष्ट्रीय तकनीकी परामार्शदाता समूह एवं टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं . लोकसभा में एन के प्रेमचंद्रन एवं सुरेश नारायण धनोरकर के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने यह जानकारी दी. सदस्यों ने पूछा था कि कोविड रोधी टीके की बूस्टर खुराक तेजी से लगाने की व्यवस्था करने की दिशा में क्या कदम उठाये गए हैं और इसे पूरा करने की समय-सीमा क्या है ?
इस पर मांडविया ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस की बूस्टर खुराक की जरूरत एवं औचित्य के संबंध में कोविड-19 रोधी टीका लगाने पर राष्ट्रीय तकनीकी परामार्शदाता समूह (एनटीएजीआई) और कोविड संबंधी टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (नेगवैक) वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 6 दिसंबर, 2021 की स्थिति के अनुसार, 18 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के लगभग 80.02 करोड़ पात्र लाभार्थियों (करीब 86 प्रतिशत) ने कोविड-19 रोधी टीके की कम-से-कम एक खुराक लगवा ली है जिसमें 47.91 करोड़ (51 प्रतिशत) लाभार्थियों ने टीके की दोनों खुराकें लगवा ली हैं. यह भी पढ़ें : Gujarat: बेटे ने सोने की चेन चुराकर गर्लफ्रेंड को दिया महंगा गिफ्ट, मां ने बना डाली लूट की झूठी कहानी
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने कोविड-19 के संबंध में टीकाकरण पर गठित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (नेगवैक) की सिफारिशों के अनुसार, पात्र लाभार्थियों के लिए पर्याप्त मात्रा में कोविड-19 रोधी टीकों को सुरक्षित रखने की सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं.
मंत्री ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक लगवाने में और सुधार लाने के लिए, भारत सरकार ने 3 दिसंबर, 2021 से ‘हर घर दस्तक अभियान’ शुरू किया है, जिसमें घर-घर जाकर लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें टीके लगाए जाते हैं, जो प्रथम खुराक लगवाने से रह गए हैं तथा जिन्हें दूसरी खुराक लगनी है. इस अभियान के तहत लाभार्थियों को उनके घर पर टीके की खुराक भी लगाई जाती है.