देश की खबरें | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा, स्टालिन नेता बनने में अक्षम

कोयंबटूर, 23 जनवरी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने शनिवार को द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन को भ्रष्टाचार पर बहस करने की चुनौती देते हुये कहा कि वह नेता बनने के लायक नहीं हैं ।

प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार करने के दौरान पलानीस्वामी ने कहा कि अन्नाद्रमुक का सीधे सामना करने की साहस स्टालिन में नहीं है । मुख्यमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि ग्राम सभा की बैठकों के जरिये झूठे वादे कर वह सत्तारूढ़ दल को केवल बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक अपने सफलतम कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जनता में जा रहा है लेकिन द्रमुक के पास बताने के लिये कोई उपलब्धि नहीं है और ग्राम सभा बैठक के नाम पर केवल नाटक हो रहा है।

पलानीस्वामी ने कहा कि स्टालिन एक महिला के सवाल का जवाब देने में विफल रहे थे, जिसकी एक महीने पहले शहर में पिटाई हुयी थी जब उसने ग्राम सभा के दौरान कल्याणकारी योजनाओं पर उनसे सवाल किया था ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रमुक के 13 पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और स्टालिन भ्रष्टाचार पर चर्चा करना चाहते हैं ।

पलानीस्वामी ने कहा कि वह जमीन से उठ कर आये हैं और मुख्यमंत्री बने लेकिन स्टालिन को उनका यह पद उनके पिता की वजह से प्राप्त हुआ है क्योंकि उनके पिता प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और पार्टी के अध्यक्ष थे ।

एम जी रामचंद्रन एवं जयललिता जैसी अन्नाद्रमुक की शीर्ष नेताओं ने आम लोगों के लिये और उनके अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी लेकिन स्टालिन के पिता ने अपने परिवार के लिये काम किया ।

उन्होंने कहा कि द्रमुक के दोबारा सत्ता में आने पर प्रदेश में शांति नहीं रहेगी। पार्टी के कार्यकर्ता खाली जमीन पर कब्जा कर लेंगे जैसा कि पार्टी की पिछली सरकारों के कार्यकाल में हुआ है।

पलानीस्वामी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये तमिलनाडु सरकार की आलोचना करने वाले और दिल्ली एवं केरल सरकारों की तारीफ करने वाले स्टालिन अब चुप हैं जबकि राज्य सरकार ने महामारी के प्रसार को रोकने में सफलता पायी है।

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