जिनेवा, छह दिसंबर वैश्विक एयरलाइंस समूह आईएटीए का अनुमान है कि टिकाऊ विमानन ईंधन का उत्पादन इस साल दोगुना होकर 60 करोड़ लीटर से अधिक हो जाएगा और यह वर्ष 2024 में बढ़कर 1.875 अरब लीटर हो जाएगा।
वैश्विक विमानन उद्योग के कार्बन खपत कम करने के तरीकों पर काम करने से टिकाऊ विमानन ईंधन (एसएएफ) की भूमिका काफी अहम होने वाली है।
अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) के एक हालिया सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय विमानन में इस्तेमाल के लिए सभी भौगोलिक क्षेत्रों में एसएएफ उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक ढांचे पर सहमति जताई गई थी। वर्ष 2030 तक कार्बन गहनता में पांच प्रतिशत की कमी लाने के लिए लगभग 17.5 अरब लीटर एसएएफ उत्पादन की जरूरत होगी।
दुनियाभर की 300 से अधिक एयरलाइंस के संगठन आईएटीए ने बुधवार को कहा कि मौजूदा कैलेंडर वर्ष 2023 में एसएएफ की मात्रा 60 करोड़ लीटर से अधिक हो जाएगी, जो पिछले साल में उत्पादित 30 करोड़ टन से दोगुनी है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) के निदेशक (शुद्ध-शून्य कारोबार) हेमंत मिस्त्री ने यहां एक प्रस्तुति में कहा कि वैश्विक स्तर पर 43 एयरलाइंस के पास एसएएफ से संबंधित स्वैच्छिक प्रतिबद्धताएं और समझौते हैं जो 2030 तक लगभग 1.3 करोड़ टन ईंधन खपत के अनुरूप हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2024 में एसएएफ उत्पादन तीन गुना बढ़कर 1.875 अरब लीटर हो जाने की उम्मीद है, जो विमानन की ईंधन जरूरतों का 0.53 प्रतिशत और नवीकरणीय ईंधन क्षमता का छह प्रतिशत होगा।’’
आईएटीए के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि एसएएफ उत्पादन अभी कम होने के बावजूद नवीकरणीय ईंधन उत्पादन के एक हिस्से के रूप में यह अगले साल दोगुना होकर छह प्रतिशत हो जाएगा।
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