नयी दिल्ली, 19 दिसंबर लोकसभा के 49 और सदस्यों को सदन से निलंबित किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए संसद को ‘‘संविधान की कब्रगाह’’ बताया और इसकी तुलना उत्तर कोरियाई सदन से की।
निचले सदन में मंगलवार को 49 विपक्षी सदस्यों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इससे पहले कुल 78 सासंदों (निचले सदन से 33 और उच्च सदन से 45 सांसदों) को कार्यवाही में बाधा डालने के लिए संसद से निलंबित कर दिया गया था।
शिरोमणि अकाली दल की नेता एवं सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘यहां संविधान की कब्रगाह नजर आ रही है।’’
उन्होंने संसद के बाहर कहा, ‘‘विपक्षी सांसदों का काम संसद में सवाल पूछना है, लेकिन उन्हें अपना काम करने पर बाहर निकाल दिया जाता है...देखिए, यह नया भारत है।’’
कांग्रेस ने लोकसभा से विपक्ष के और 49 सदस्यों के निलंबन को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘‘दमनकारी’’ विधेयकों को चर्चा के बिना पारित कराने के लिए सदन से विपक्ष का सफाया किया जा रहा है।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि निरंकुश भाजपा इस देश में लोकतंत्र को ध्वस्त करना चाहती है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ आज लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के करीब 50 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया। विपक्ष का पूर्ण सफाया किया जा रहा है ताकि दमनकारी विधेयकों को बिना किसी सार्थक चर्चा के पारित कराया जा सके और 13 दिसंबर को लोकसभा में दो लोगों को प्रवेश की सुविधा प्रदान कराने वाले भाजपा सांसद बेदाग हो जाएं।’’
कांग्रेस नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि संसद जल्द ही उत्तर कोरियाई सदन की तरह हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम उत्तर कोरियाई सदन की तरह बनने वाले हैं और केवल एक चीज की कमी है कि जब प्रधानमंत्री (सदन के) अंदर आएं तो सब साथ मिलकर तालियां बजाएं। यह एक सांकेतिक सदन बनने वाला है।’’
कांग्रेस नेताओं शशि थरूर एवं मनीष तिवारी, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सांसदों के निलंबन की निंदा की।
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