श्रीनगर, 31 अक्टूबर, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों के दौरान आतंकवादी आत्मसमर्पण करने को तरजीह दे रहे हैं और यह एक स्वागत योग्य बदलाव है।
सिंह ने हथियार उठा चुके युवाओं से हिंसा की राह छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर शहर के बाहरी क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर डीजीपी ने संवाददाताओं से बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘बीती कुछ मुठभेड़ों में आतंकवादियों का समर्पण करना एक स्वागत योग्य बदलाव है। मुठभेड़ के दौरान, जब गोलियां चल रही होती हैं उस वक्त भी भटके हुए युवा पुलिस तथा सुरक्षा बलों के समर्पण करने के प्रस्तावों को स्वीकार कर रहे हैं।’’
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डीजीपी ने कहा कि जिन्होंने भी अपने हाथों में हथियार उठाए हैं, वे हिंसा का रास्ता छोड़ दें और मुख्यधारा में लौट आएं। अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों को हर प्रकार से समर्थन दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि जिन युवाओं को बहला फुसला कर गलत रास्ते पर भेज दिया गया है, वे लौट आएं। अभी भी वक्त है, वे लौट सकते हैं और हम उनकी हर प्रकार से मदद करेंगे।’’
केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने कहा कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हुई कि कश्मीरी युवा खेलों जैसी सकारात्मक गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में बृहस्पतिवार को भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले की जांच में प्रगति के बारे में सिंह ने कहा कि जांच सही दिशा में चल रही है।
डीजीपी ने कहा, ‘‘हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की पहचान की जा चुकी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।’’
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