नयी दिल्ली, 10 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल की एक याचिका को खारिज कर दिया। इसमें न्यायालय के 19 जनवरी के आदेश में संशोधन की अपील की गई थी। न्यायालय ने कहा कि कंपनी राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में अपनी अपील की सुनवाई के दौरान अपने मुद्दों को उठा सकती है।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा व जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने कहा कि वह 19 जनवरी के आदेश में ज्यादा से ज्यादा ‘बिना किसी पूर्वाग्रह के’ जोड़ सकती है और कुछ नहीं कर सकती।
अमेरिका की कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि 19 जनवरी के आदेश के कुछ अंशों को हटाए जाने की जरूरत है।
पीठ ने कहा कि आदेश खुली अदालत में दिया गया था और इसिलए कुछ भी स्पष्ट करने या संशोधित करने की जरूरत नहीं है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कहा कि गूगल एलएलसी की अपील एनसीएलएटी के समक्ष सुनवाई के लिए अगले सप्ताह सूचीबद्ध है और वे अपनी शिकायतें वहां रख सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने 19 जनवरी के अपने आदेश में गूगल को झटका देते हुए एनसीएलएटी के उस आदेश को उचित ठहराया था जिसमें जिसमें प्रतिस्पर्धा नियामक द्वारा ‘एंड्रायड मोबाइल उपकरण पारिस्थतिकी तंत्र’ में अपनी दबदबे की स्थिति का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के लिए इस अमेरिकी कंपनी पर लगाए गए 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
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