देश की खबरें | उच्चतम न्यायालय ने केरल में प्राचीन मंदिर के प्रबंधन का चुनाव कराने के लिए प्रशासक नियुक्त किया

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को प्राचीन ओचिरा परब्रह्म मंदिर और उससे संबद्ध संस्थानों के प्रशासन व प्रबंधन के चुनावों को ‘‘स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके’’ से कराने के लिए केरल उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को प्रशासक नियुक्त किया है।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार एवं न्यायमूर्ति आर महादेवन ने उल्लेख किया कि मंदिर अनूठा, प्राचीन और ऐतिहासिक है जो 21.25 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर परिसर में एक अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज और नर्सिंग स्कूल भी है।

पीठ ने रेखांकित किया, ‘‘इन तथ्यों के आलोक में, मंदिर और उसकी संपत्तियों को संरक्षित करना जरूरी है।’’ इसलिए पीठ ने यह चुनाव कराने के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति के रामकृष्णन को प्रशासनिक प्रमुख/प्रशासक नियुक्त किया है।

न्यायालय ने कहा कि प्रशासक मतदाता सूची तैयार और प्रकाशित कर चुनावी प्रक्रिया शुरू करेंगे तथा मंदिर के नियमों के साथ चार महीनों के अंदर यह कवायद पूरी की जाए।

शीर्ष अदालत ने मंदिर से जुड़े मामले में केरल उच्च न्यायालय द्वारा पारित दो आदेशों को चुनौती देने वाली अपीलों पर यह फैसला सुनाया।

पीठ ने कहा कि मंदिर और उसके संस्थानों का प्रबंधन मंदिर के नियमों द्वारा होता है और 2006 में कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर और उसके संस्थानों के प्रशासन के लिए एक योजना के वास्ते कोल्लम की एक जिला अदालत में वाद दायर किया था, जो बाद में उच्च न्यायालय पहुंचा था।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)