नयी दिल्ली, 26 दिसंबर सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय बीज सहकारी समिति लि. को बीज की पारंपरिक किस्मों को संरक्षित करने और जल उपयोग के लिहाज से दक्ष फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही 2025-26 तक 20,000 और सहकारी समितियों के विस्तार का लक्ष्य रखा।
भारतीय बीज सहकारी समिति लि. (बीबीएसएसएल) वर्तमान में छह राज्यों में 5,596 हेक्टेयर में प्रमाणित बीज का उत्पादन कर रही है। इसमें आठ फसलों की 49 किस्मों से 1,64,804 क्विंटल का उत्पादन होने की उम्मीद है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सहकारी समिति ने परिचालन शुरू करने के बाद से 41,773 क्विंटल बीज बेचे हैं। इसमें मुख्य रूप से गेहूं, मूंगफली, जई और बरसीम के 41.5 करोड़ रुपये के बीज शामिल हैं।
समीक्षा बैठक में शाह ने कहा, ‘‘बीबीएसएसएल को भारत के पारंपरिक बीजों के संग्रह और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’
उन्होंने उर्वरक सहकारी समितियों इफको और कृभको से दलहन और तिलहन उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ पारंपरिक किस्मों के संरक्षण के साथ स्वदेशी और संकर बीजों के पोषण मूल्यों का मूल्यांकन करने का आग्रह किया।
मंत्री ने बीज उत्पादन बढ़ाने से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 10 साल का खाका तैयार करने और इसकी नियमित समीक्षा की भी बात कही।
बीबीएसएसएल का 2032-33 तक 18,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य है। इसके शेयरधारक के रूप में 34 राज्यों और क्षेत्रों की 20,000 से अधिक सहकारी समितियां हैं।
शाह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में सहकारिता राज्यमंत्री बी कृष्ण पाल और बी मुरलीधर मोहोल समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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