देश की खबरें | सुनंदा पुष्कर मौत : थरूर ने अपील में देरी माफ करने संबंधी पुलिस की याचिका का विरोध किया

नयी दिल्ली, सात फरवरी कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में पुलिस की उस याचिका का मंगलवार को विरोध किया, जिसमें पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में उन्हें आरोपमुक्त किये जाने के निर्णय के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी को माफ करने का आग्रह किया गया है।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि पुलिस की याचिका पर थरूर द्वारा दायर जवाब को रिकॉर्ड में लाया जाए और मामले की अगली सुनवाई 17 मई को सूचीबद्ध की।

थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने उच्च न्यायालय को बताया कि दिल्ली पुलिस ने 18 अगस्त, 2021 को निचली अदालत द्वारा उन्हें सभी आरोपों से मुक्त करने का आदेश पारित करने के 15 महीने बाद पुनरीक्षण याचिका दायर की है। कांग्रेस नेता ने जवाब में कहा है कि देरी की माफी के लिए पुलिस के आवेदन में इस बात का कोई विवरण नहीं दिया गया है कि निचली अदालत के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर करने के लिए अभियोजन निदेशालय द्वारा कब निर्णय लिया गया या इसे कब मंजूरी दी गई।

थरूर ने जवाब में कहा है कि ऐसा लगता है कि सरकार केवल संशोधन याचिका दायर करने में हुई अत्यधिक और अकथनीय देरी को सही ठहराने के प्रयास में बहाना बना रही है।

उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2022 में थरूर को सिर्फ पुलिस की देरी माफ करने की अर्जी पर नोटिस जारी किया था और कहा था कि वह पहले इस याचिका पर फैसला करेगा।

पुलिस ने, अतिरिक्त स्थायी वकील रूपाली बंधोपाध्याय के माध्यम से, निचली अदालत के 2021 के आदेश को रद्द करने और थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) तथा धारा 498ए (पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसके साथ क्रूरता करना) के तहत आरोप तय करने की मांग करते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की है।

तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र से सांसद थरूर को व्यवसायी पुष्कर के यहां एक लग्जरी होटल में मृत पाए जाने के सात साल से अधिक समय के बाद इस मामले में बरी कर दिया गया था।

पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को एक लक्जरी होटल के एक कमरे में मृत पाई गई थीं। दंपति होटल में रह रहे थे, क्योंकि थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था।

थरूर पर क्रूरता और आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित आईपीसी के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे, लेकिन उन्हें इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया था।

कांग्रेस नेता के वकील ने कहा कि मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

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