जरुरी जानकारी | चीनी उत्पादन 15 नवंबर तक करीब तीन गुना बढ़कर 14.10 लाख टन : इस्मा

नई दिल्ली, 17 नवंबर दुनिया में चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश, भारत में चीनी का उत्पादन चीनी सत्र 2020-21 पेराई मौसम में 14 लाख लाख टन तक पहुंच गया है जो पिछली साल इसी समय से तीन गुना है।

चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने मंगलवार को बताया कि बेहतर फसल उत्पादन और पेराई अभियान के समय पर शुरू होने की वजह से उत्पादन में वृद्धि हुई है। इस्मा ने कहा कि चीनी सत्र 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) की समान अवधि में चीनी का उत्पादन 4.84 लाख टन रहा था।

यह भी पढ़े | PM मोदी करेंगे ब्लूमबर्ग इकॉनमी फोरम को संबोधित.

चूंकि भारत में एक बार और अधिशेष चीनी उत्पादन होने जा रहा है, इसलिए उद्योग निकाय इस्मा ने कहा कि वह चीनी निर्यात के बारे में सरकार के नीतिगत फैसले का इंतजार कर रहा है और सब्सिडी समर्थन के साथ बफर स्टॉक निर्माण के बारे में भी फैसले के इंतजार में है।

इस्मा के अनुसार, पिछले साल की तुलना में, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अच्छी बारिश और जलाशयों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता, गन्ने की अधिक पैदावार और बेहतर उपज की वजह से गन्ने की बेहतर उपलब्धता के कारण, अक्टूबर 2020 के अंतिम सप्ताह के दौरान पेराई सत्र की अच्छी शुरुआत हो सकी है।

यह भी पढ़े | 7th Pay Commission: पेंशनर्स के लिए राहतभरी खबर, लाखों पूर्व कर्मचारियों को होगा फायदा.

चालू सत्र में 15 नवंबर तक 271 चीनी मिलें परिचालन में थीं, जबकि एक साल पहले इसी दौरान 127 चीनी मिलें परिचालन कर रही थीं।

कुल चीनी उत्पादन में, देश के अग्रणी चीनी उत्पादक राज्य - उत्तर प्रदेश में मिलों ने 15 नवंबर तक 3.85 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 2.93 लाख टन चीनी उत्पादन से अधिक है।

देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में मिलों ने चालू सत्र में अब तक 5.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले सत्र की समान अवधि में, सूखा होने और कम गन्ने के कारण पेराई का काम काफी देर से नवंबर के चौथे सप्ताह में शुरू हुआ था। इसी प्रकार कर्नाटक में चीनी का उत्पादन पिछले वर्ष की अवधि में 1.43 लाख टन से बढ़कर 3.40 लाख टन हो गया।

अन्य राज्यों में, गुजरात में चीनी उत्पादन चालू सत्र में 15 नवंबर तक 80,000 टन तक जा पहुंचा, जबकि पिछले साल यह उत्पदन 2,000 टन था।

उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लगभग 18 कारखानों ने पेराई कार्य शुरू किया है और चालू मौसम में 15 नवंबर तक 40,000 टन चीनी का उत्पादन किया है।

भारत में एक और अधिशेष चीनी वर्ष होने की बात कहते हुए इस्मा ने कहा कि अधिशेष चीनी के लगभग 60-70 लाख टन हिस्से का निर्यात जारी रखने की आवश्यकता है।

इसने कहा है कि चीनी सत्र 2020-21 में 106.4 लाख टन के पिछले साल के बचे स्टॉक तथा चालू सत्र में 310 लाख टन के उत्पादन अनुमान को देखते हुए, आपूर्ति के लिए अधिक चीनी होगी।

इथेनॉल पर, इस्मा ने कहा कि चीनी मिलों ने वर्ष 2019-20 के चीनी सत्र (दिसंबर-नवंबर) के नौ नवंबर तक 160.23 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की है।

चीनी सत्र 2020-21 में, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने चीनी मिलों से लगभग 322.57 करोड़ लीटर इथेनॉल के लिए प्राप्त प्रस्तावों के मुकाबले लगभग 262.27 करोड़ लीटर का आवंटन किया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)