तिरुवनंतपुरम, 30 नवंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य में कमजोर तबके के लिए कल्याणकारी पेंशन का फर्जीवाड़ा करते पाए जाने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजपत्रित अधिकारियों और कॉलेज प्रोफेसरों सहित करीब 1,500 सरकारी कर्मचारियों द्वारा फर्जीवाड़ा कर सामाजिक सुरक्षा पेंशन हथियाने के दावे के बीच मुख्यमंत्री की यह चेतावनी जारी की।
शनिवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई एक विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया।
विज्ञप्ति के मुताबिक, फर्जी तरीके से पेंशन प्राप्त करने वालों के खिलाफ विभागीय स्तर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और उन्हें प्राप्त पेंशन को ब्याज सहित चुकाने के लिए कहा जाएगा।
इसमें कहा गया है कि अयोग्य लाभार्थियों और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बयान के अनुसार, उचित जांच के बाद मृतक व्यक्तियों के नाम पेंशन सूची से हटा दिए जाएंगे।
विज्ञप्ति में बताया गया कि वार्षिक जांच अनिवार्य की जाएगी और इस प्रक्रिया के लिए चेहरे की पहचान वाली प्रणाली शुरू की जाएगी।
इसके अलावा आय प्रमाण पत्र और आधार को जोड़ना भी अनिवार्य किया जाएगा।
इससे पहले, सूचना केरल मिशन द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया था कि राज्य में 1,458 सरकारी कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
इसके बाद, वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया था।
विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी सेवा में शामिल होने के बाद भी लाभ प्राप्त करना स्वीकार्य नहीं है।
विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि कल्याण पेंशन प्राप्तकर्ताओं की पात्रता स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के माध्यम से सत्यापित की जाए और वित्त विभाग द्वारा जारी जांच जारी रहेगी।
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