Ratan Tata's Compassion and Love for Animals: दक्षिण मुंबई के आवारा कुत्तों ने अपने ‘प्रिय मित्र’ रतन टाटा को खो दिया

मुंबई, 10 अक्टूबर : ‘बॉम्बे हाउस’ किसी भी अन्य समूह के मुख्यालय से अलग है. औपनिवेशिक युग की इस इमारत के प्रवेश द्वार पर वैसे तो हर आगंतुक की तलाशी ली जाती है, लेकिन यहां आवारा कुत्तों के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं है. ‘बॉम्बे हाउस’ मुंबई में एक ऐतिहासिक इमारत है जो कि निजी स्वामित्व वाली टाटा समूह के मुख्य कार्यालय के रूप में कार्य करता है. दशकों से यहां काम करने वाले कर्मचारियों को यह निर्देश जारी किया जाता रहा है कि वे इन बेजुबानों के आने जाने पर रोक नहीं लगाएं और बेरोकटोक आने जाने दें. यह सब सिर्फ एक व्यक्ति रतन टाटा के कुत्तों के प्रति प्रेम और चिंता का परिणाम है, जो 1991 से 2012 तक टाटा संस के अध्यक्ष पद पर रहे तथा बाद में कुछ समय के लिए फिर से इस पद को संभाला.

टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. कहा जाता है कि एक बार टाटा ने ‘बॉम्बे हाउस’ के बाहर बारिश में एक आवारा कुत्ते को बारिश से बचने के लिए संघर्ष करते देखा था. इसी के बाद उन्होंने परिसर के अंदर कुत्तों के प्रवेश के संबंध में विशेष निर्देश दिए. बेजुबान जीव के प्रति उनकी सहानुभूति इतनी गहरी थी कि जब समूह ने कुछ साल पहले ‘बॉम्बे हाउस’ का नवीनीकरण किया तो 2018 में उसने परिसर के भूतल पर विशेष तौर पर आवारा कुत्तों के लिए समर्पित एक हिस्से का निर्माण कराया. एक बड़े कमरे को कुत्तों के निवास स्थान के रूप में बनाया गया है जो कई सुविधाओं से लैस है और यह एक आम इंसान को भी उनसे (कुत्तों से) ईर्ष्या करने पर मजबूर कर देगा.कमरे में खाने पीने के लिए एक अलग स्थान है. उन्हें एक कर्मी द्वारा नहलाया जाता है. कमरे में कुत्तों के सोने के लिए भी जगह है जहां वे आराम की नींद ले सकते हैं. यह भी पढ़ें : Ratan Tata Passed Away: रतन टाटा के वो पांच बड़े कारोबारी फैसले, जिनसे वो बने व्यापार जगत के हीरो

कुछ आवारा पशु बॉम्बे हाउस’ में स्थायी रूप से रहते हैं, लेकिन अक्सर कुछ आगंतुक भी होते हैं जिन्हें आने दिया जाता है और उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जाता है. रतन टाटा का पालतू जानवरों खासकर आवारा जानवरों के प्रति प्यार ‘बॉम्बे हाउस’ के आस-पास के इलाकों से कहीं आगे तक फैला हुआ है. इस वर्ष की शुरुआत में टाटा समूह के आईएचसीएल द्वारा संचालित ताज होटल में ठहरे एक अतिथि ने एक हृदयस्पर्शी कहानी सुनाई थी. व्यक्ति ने बताया कि एक आवारा कुत्ता इस आलीशान होटल के प्रवेश द्वार पर शांति से सो रहा था और उसे बताया गया कि इसकी जड़ें रतन टाटा के निर्देशों से जुड़ी हैं. रतन टाटा की अध्यक्षता वाले टाटा ट्रस्ट्स ने दक्षिण मध्य मुंबई के महालक्ष्मी में एक प्रमुख स्थान पर एक छोटा सा पशु चिकित्सालय भी बनवाया है.