जरुरी जानकारी | शेयर बाजारों में तेजी जारी; वित्त मंत्री की घोषणाओं का बाजार पर मिला जुला असर

मुंबई, 12 अक्टूबर अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण की सोमवार को नयी घोषणाओं के बीच शेयर बाजारों में लगातार आठवें कारोबारी सत्र में तेजी रही और सेंसेक्स 84 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। बाजार विश्लेषकों के अनुसार वित्त मंत्री की घोषणा का असर मिला जुला रहा और शुरूआत में जोरदार तेजी का दौरान बाद में हल्का पड़ गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश में त्योहरों के दौरान मांग को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये की गयी घोषणा का शुरू में बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। लेकिन उनकी घोषणाएं निवेशकों को की उम्मीदों से कम लगीं।

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तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में शुरूआती कारोबार में करीब 400 अंक की तेजी आयी। लेकिन बाद में यह तेजी जाती रही। अंत में यह 84.31 अंक यानी 0.21 प्रतिशत मजबूत होकर 40,593.80 अंक पर बंद हुआ।

इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 16.75 अंक यानी 0.14 प्रतिशत हल्की तेजी के साथ 11,930.95 अंक पर बंद हुआ।

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दोनों सूचकांकों में लागातर आठवें सत्र में तेजी बनी रही।

सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में आईटीसी रही। इसमें 2.59 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी। इसके अलावा जिन अन्य प्रमुख शेयरों में तेजी रही, उनमें इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, मारुति, पावरग्रिड, आईसीअईसीआई बैंक और टीसीएस शामिल हैं।

दूसरी तरफ जिन प्रमुख शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उनमें भारती एयरटेल, ओऐनजीसी, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक और बजाज ऑटो शामिल हैं।

कारोबारियों के अनुसार सूचकांक पूरे दिन सकारात्मक दायरे में रहा। लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद निवेशक थोड़े सतर्क दिखे।

त्योहारों के दौरान उपभोक्ता मांग में तेजी लाने के इरादे से वित्त मंत्री ने सोमवार को एलटीसी (अवकाश यात्रा रियायत) के एवज में नकद वाउचर और 10,000 रुपये का विशेष त्योहार अग्रिम देने की घोषणा की।

सीतारमण ने अतिरिक्त पूंजीगत व्यय और राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण 50 साल के लिये देने की भी घोषणा की। इस पहल का मकसद राज्यों की अर्थव्यवस्था को गति देना है जो कोविड-19 महमारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित हैं।

इस बारे में रिलायंस सिक्योरिटीज के संस्थागत कारोबार के प्रमुख अर्जुन यश महाजन ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिये ऋण और नकद वाउचर की पेशकश की, वह अल्पकालीन उपाय है और इसमें सतत वृद्धि को लेकर प्रतिबद्धता की कमी का अभाव है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे त्योहारों या वित्त वर्ष के अंत तक मांग में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है। हालांकि इससे कोई जरूरी नहीं है कि एक सतत पुनरूद्धार को बढ़ावा मिले। यह बाजार को संभवत: आकर्षित नहीं कर पाएगा।’’

हालांकि महाजन ने कहा कि उच्च पूंजीगत व्यय बुनियादी ढांचा कंपनियों के लिये बेहतर है क्योंकि इससे नये आर्डर बढ़ेंगे। साथ ही बुनियादी ढांचा क्षेत्रों से जुड़े कार्यों में तेजी आएगी।

उधर, वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई, हांगकांग और दक्षिण कोरिया में सोल लाभ में रहें जबकि जापान में तोक्यो बाजार नुकसान के साथ बंद हुआ।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी का रुख रहा।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 1.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42.26 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।

विदेशी विनिमय बाजार में अमेरिका डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे गिरकर 73.28 पर बंद हुआ।

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