बाराबंकी, 19 दिसंबर : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की एक अदालत ने 2016 में दिनदहाड़े अपने सौतेले भाई की हत्या के मामले में दो भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. एक सरकारी अधिवक्ता ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी. अधिवक्ता ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार शुक्ला ने प्रत्येक दोषी के खिलाफ 22,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.अभियोजन पक्ष के अनुसार, शहर के कानूनगोयान मोहल्ले में रहने वाले शिकायतकर्ता विकास रस्तोगी उर्फ विक्की ने पुलिस को बताया था कि 25 नवंबर, 2016 को सुबह करीब नौ बजे वह अपने छोटे भाई अविनाश रस्तोगी उर्फ मनु के साथ कुछ सामान खरीदने के लिए घंटाघर रोड पर गया था.
उन्होंने बताया कि जब वे खरीदारी कर रहे थे, तभी उसके सौतेले भाई विवेक रस्तोगी उर्फ दीपू एवं विकास रस्तोगी उर्फ छोटू एक देशी पिस्तौल एवं एक रिवॉल्वर लेकर वहां पहुंचे. शिकायतकर्ता ने कहा, "दीपू और छोटू ने मेरे छोटे भाई अविनाश पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं और जब उसने भागने की कोशिश की, तो उन्होंने उसका पीछा किया और लगातार गोलियां चलाते रहे.’’ विक्की ने बताया कि कई गोलियां लगने से अविनाश बेहोश हो गया और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह भी पढ़ें: अदालतों के निर्देशों का पालन कर एएसआई करती है मुस्लिम पूजा स्थलों का सर्वेक्षण : सरकार
अभियोजन पक्ष ने बताया कि अविनाश की शादी एक आरोपी विकास रस्तोगी उर्फ छोटू की साली इशानी से तय हुई थी. विकास ने शादी पर आपत्ति जताई थी और कथित तौर पर धमकी भी दी थी. विकास ऊर्फ छोटू ने कहा था कि अगर यह शादी हुई, तो तुम्हें मार दिया जाएगा."जिला सरकारी वकील रमाकांत द्विवेदी ने कहा कि मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह पेश किए. द्विवेदी ने कहा, "सबूतों और गवाही की जांच करने के बाद, न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को हत्या का दोषी पाया और उन्हें 22,000 रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई.