देश की खबरें | कोविड-19 से लड़ने के लिए छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें राज्य: मोदी
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 23 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों से आग्रह किया कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर भी पूरी ताकत से आगे बढ़ें। साथ ही संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें यह सलाह दी कि वे प्रभावित इलाकों में छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्रों का चयन करके उन पर ध्यान केंद्रित करें।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोरोना वायरस के उच्च दर वाले सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ एक समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जहां कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी, वहीं स्थितियां भी सामान्य होने की दिशा में आगे बढ़ेंगी।

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प्रधानमंत्री ने चर्चा के दौरान एक-दो दिनों के लॉकडाउन लागू करने के कुछ राज्यों के फैसले के बारे में राज्यों से कहा कि वे इसका अवलोकन करें कि यह कोरोना वायरस को रोकने में कितना प्रभावी है और इस वजह से कहीं राज्य में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने में दिक्कत तो नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।’’

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मालूम हो कि पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे कई राज्यों ने समय-समय पर स्थानीय स्तर पर लॉकडाएन लागू किया ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सके।

मोदी ने कहा कि देश भर के 700 से अधिक जिलों में सिर्फ 60 जिले और वे भी सात राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण की उच्च दर है तथा यह चिंता का विषय है।

उन्होंने मुख्यमंत्रियों को सुझाव दिया कि वे एक सप्ताह का कार्यक्रम बनाकर रोजाना अधिकारियों के साथ सीधे वार्ता करके स्थिति की समीक्षा करें।

उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर प्रभावी संदेश पहुंचाने में मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है। ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं जांच तो खराब नहीं है। यही नहीं कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।’’

मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद देशव्यापी लॉकडाउन से बहुत फायदा हुआ और विश्व समुदाय ने भी इसकी सराहना की है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें माइक्रो-कंटेनमेंट क्षेत्रों (छोटे-छोटे निषिद्ध क्षेत्रों) पर अपना ध्यान केंद्रित करना है ताकि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार कम हो और जनजीवन सामान्य हो।

मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना वायरस के इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया गया है, उनसे कोरोना वायरस का मुकाबला करने में बहुत मदद मिल रही है।

राज्यों से प्रभावशाली जांच, संक्रमितों का पता लगाने, इलाज और निगरानी पर ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘अब हमें कोरोना वायरस से जुड़ी अधोसंरचना को मजबूत करना है, जो हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा, ‘ट्रैकिंग-ट्रेसिंग’ से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।’’

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों तथा स्वास्थ्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में से 65.5 फीसदी और मृत्यु के कुल मामलों में से 77 फीसदी मामले भी इन्हीं राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं।

मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि राज्‍य आपदा कार्रवाई निधि (एसडीआरएफ) के बारे में महत्‍वपूर्ण फैसले किए गए हैं और इसके लिए राज्‍यों को दी जाने वाली धनराशि बढ़ा दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी से उत्‍पन्‍न स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ के उपयोग की सीमा 35 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 50 प्रतिशत कर दी गई है।’’

मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के इस कठिन दौर में भी भारत ने दुनिया के देशों की जीवन रक्षक दवाओं की आवश्‍यकता पूरी की है और ऐसी स्थिति में एक राज्‍य से दूसरे राज्‍यों के दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्‍चित की जानी आवश्यक है।

कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने में मास्‍क की भूमिका को महत्‍वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है।’’

उन्होंने कहा कि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है और ऐसे में कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आंकने की गलती भी करने लगते हैं।

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में 10 लाख से ज्यादा जांच प्रतिदिन हो रही हैं और ठीक होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है

उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 सितंबर को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दो साल पूरे हो रहे हैं और इन दो सालों के भीतर ही इस योजना के तहत सवा करोड़ से अधिक गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है।

उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से गरीबों की सेवा करने वाले सभी चिकित्सकों और अन्य चिकित्सकीय कर्मचारियों की भी सराहना की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। उनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल हुए।

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