नयी दिल्ली, छह अप्रैल जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों ने रेपो दर में बदलाव नहीं करने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि इससे सस्ते और मध्यम आय की श्रेणी में मकानों की मांग बढ़ेगी।
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को अप्रत्याशित रूप से नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
रियल एस्टेट कंपनियों का शीर्ष निकाय क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘रेपो दर को बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से भारतीय रियल एस्टेट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि यह न केवल आवास की मांग और आपूर्ति में तेजी लाएगा बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति देगा।’’
उन्होंने कहा कि यह कदम विशेष रूप से किफायती आवास को प्रोत्साहित करेगा।
नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ी हैं। इसके साथ, आरबीआई ने नीतिगत दर नहीं बढ़ाकर इस क्षेत्र को बहुप्रतीक्षित मजबूती प्रदान की है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक के इस निर्णय ने रियल एस्टेट कंपनियों, निवेशकों और घर खरीदारों को स्थिरता एवं निश्चितता प्रदान किया है तथा आवास ऋण की मांग को और बढ़ा सकता है।’’
नारेडको के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘राहत के इस कदम से घर खरीदारों का विश्वास बहाल होगा और रियल एस्टेट में मांग में तेजी आएगी।’’
गौड़ समूह के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘हम रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हैं। नीतिगत दरों में पिछले छह बार से लगातार वृद्धि ने संभावित खरीदारों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।’’
उन्होंने कहा कि अगर ब्याज दर को कम से कम दो तिमाहियों के लिए स्थिर रखा जाता है तो रियल एस्टेट बाजार को मदद मिलेगी।
संपत्ति सलाहकार एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि आरबीआई का फैसला घर खरीदारों के लिए एक स्वागत योग्य राहत के रूप में आया है।
पुरी ने कहा, ‘‘इस वर्ष की पहली तिमाही में उल्लेखनीय प्रदर्शन के बाद, आवास बाजार अब छंटनी, संपत्ति की बढ़ती कीमतों आदि के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है। नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया जाना स्वागत योग्य है।’’
काउंटी समूह के निदेशक अमित मोदी ने कहा ब्याज दर में हाल की बढ़ोतरी ने निवेशकों को एक तरह से हतोत्साहित कर दिया था। रेपो दर को स्थिर रखने से रियल एस्टेट क्षेत्र फलेगा-फूलेगा क्योंकि मध्यम-आय वर्ग को आवास ऋण पर उच्च ब्याज का भार नहीं पड़ेगा और यह निवेश उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा।
एसकेए समूह के निदेशक संजय शर्मा ने कहा “यह कदम रियल एस्टेट क्षेत्र के लिये बड़ा बदलाव लाने वाला है। रियल एस्टेट क्षेत्र के साथ अन्य उद्योग भी नीतिगत दर को स्थिर रखने की मांग कर रहे थे। आरबीआई के कदम से निवेशकों और घर खरीदारों को प्रोत्साहित करेगा।“
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि आरबीआई के नीतिगत दर में बढ़ोतरी के चक्र को रोकने के फैसले से आर्थिक वृद्धि को गति देन में मदद मिलेगी।
रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली कंपनी सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका) अंशुमन मैगजीन ने कहा, ‘‘रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का फैसला अप्रत्याशित कदम है। नरम रुख वापस लेने के साथ मुद्रास्फीति पर करीब नजर रखते हुए ऐसा किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का यह कदम विनिर्माण, आवास और अन्य रियल एस्टेट श्रेणी के लिए अत्यधिक उत्साहजनक है क्योंकि यह निर्णय रियल एस्टेट कंपनियों और उधारकर्ताओं पर वित्तीय बोझ में और वृद्धि की आशंकाओं को दूर करता है।’’
महागुन समूह के निदेशक अमित जैन ने कहा “करीब एक साल में, ब्याज दर में काफी वृद्धि हुई है। भले ही दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं ने ब्याज दरों में वृद्धि जारी रखी है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए आरबीआई ने ब्याज दर को अपरिवर्तित रखने का साहसिक निर्णय लिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह निवेशकों और उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प प्रस्तुत करता है जो घर खरीदना या निवेश करना चाहते हैं।’’
त्रेहान समूह के प्रबंध निदेशक, सारांश त्रेहान ने कहा आरबीआई का कदम घर खरीदारों और रियल एस्टेट के लिए एक बड़ी राहत है। वो भी उस समय मे जब मकानों के दाम और बैंक कर्ज में भारी उछाल देखा गया है।
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