मछुआरों को बुधवार को जाफना के काकरथिवु द्वीप के तट से गिरफ्तार किया गया. श्रीलंकाई नौसेना के एक बयान में कहा गया है, ‘‘नौसेना ने देश के जलक्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में बुधवार को कम से कम 17 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया और तीन ट्रॉलर जब्त कर किए.”
नौसेना ने कहा कि उन्हें कांकेसंथुराई बंदरगाह तक ले जाया गया और स्थानीय मत्स्य निदेशालय को सौंप दिया गया. दोनों देशों के संबंधों में मछुआरों का मुद्दा विवादास्पद है. अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार करने और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के आरोप में भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा पकड़े जाने की घटनाएं अक्सर होती रही हैं. Jharkhand: झारखंड में बढ़ रहा डेंगू का डंक, बीमारी से मिलते-जुलते लक्षणों से एक दर्जन मौतें, 950 पहुंची मरीजों की संख्या
दोनों पक्षों के बीच हुई कई उच्च स्तरीय वार्ताओं के बावजूद यह समस्या बनी हुई है. श्रीलंकाई नौसेना के कर्मियों द्वारा पाक जलडमरूमध्य में भारतीय मछुआरों पर गोलीबारी करने और उनकी नौकाओं को जब्त करने की कई घटनाएं हुई हैं.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से मछुआरों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार कर श्रीलंकाई जल क्षेत्र में जाने के आरोप में तमिलनाडु के 17 मछुआरों और तीन मशीनीकृत नौकाओं को पकड़ा गया है."
स्टालिन ने जयशंकर से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल राजनयिक प्रयास करने का अनुरोध किया. स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, “इन मछुआरों की आजीविका का प्राथमिक और एकमात्र स्रोत मछली पकड़ना है. वे कभी-कभी स्पष्ट सीमांकन के अभाव और नौवहन चुनौतियों के कारण अनजाने में श्रीलंकाई जल क्षेत्र में चले जाते हैं.” जाफना में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि उसने हिरासत में लिए गए 17 भारतीय मछुआरों को कानूनी सहायता प्रदान की है.
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