झांसी/सोनभद्र (उप्र), 28 मई झांसी जिले में बुधवार शाम पहुंचे टिड्डी दल में शामिल लाखों कीटों को रसायनों के गहन छिड़काव की मदद से नष्ट कर दिया गया। झांसी मंडल के कृषि उपनिदेशक कमल कटियार ने बृहस्पतिवार को बताया कि बुधवार रात गरौठा और मौठ इलाके में पहुंचे टिड्डी दल पर जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग द्वारा रात भर कीटनाशक का छिड़काव किया गया, जिससे बड़ी संख्या में टिड्डे मारे गए हैं।
Also Read | कोरोना से जंग जारी: पीएसए राघवन बोले-भारत में 30 समूह कोरोना वायरस का टीका बनाने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने बताया कि बची हुई टिड्डियों का एक दल इस वक्त झांसी के निकट पारीछा की ओर घूम रहा है, जिसे भगाने के एवं मारने के प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बुधवार देर शाम मध्यप्रदेश के भांडेर, दतिया इंदरगढ़ होते हुए बड़ी संख्या में टिड्डियों का एक दल झांसी के गरौठा एवं मौठ के विभिन्न गांवों में आ गया था। देर रात उसे भगाने का प्रयास किया गया। कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के सात केंद्रीय दलों सहित विभिन्न टीमों ने देर रात से लेकर आज सुबह तक इन दलों पर कीटनाशकों का छिड़काव कर उन्हें बड़ी संख्या में मार दिया। आज सूर्योदय के साथ ही यह दल झांसी शहर की ओर बढ़ गया जो सुबह करीब नौ बजे से झांसी के निकट पारीछा बांध के आसपास बना हुआ है।
Also Read | कोरोना के असम में 25 नए मामले दर्ज किए गए : 28 मई 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE. इन दलों का रुख हवा के अनुसार तय हो सकेगा। फिलहाल झांसी जिला प्रशासन दल के मूवमेंट पर निगाह रख रहा है। उधर, सोनभद्र से प्राप्त समाचार के अनुसार घोरावल तहसील के बेमौरी गांव में पहुँच कर खेतों व पेड़ों पर बैठ टिड्डियों के दल पर कृषि विभाग की टीम द्वारा बुधवार रात ढाई घंटे दवा का छिड़काव किया गया, जिससे काफी संख्या में टिड्डियां मृत पायी गयीं l जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया की बुधवार के अपराह्न तीन बजे टिड्डी दल घोरावल तहसील के आसपास के गांवों में मंडराता रहा। शाम छह बजे के बाद टिड्डी दल बेमौरी गांव में पहुँच कर वही खेतों व पेड़ों पर बैठ गया, हालांकि यहाँ खेतों में फसल नहीं है, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुँची और रात 11 बजे से लेकर रात डेढ़ बजे तक क्लोरपायरीफास दवा का छिड़काव कराया। राय ने बताया कि टिड्डी दल रात में एक ही स्थान पर बैठा रहता है और इस दौरान दवा का छिड़काव करने से टिड्डियां मर जाती हैं। बृहस्पतिवार की सुबह देखा गया कि काफी संख्या में टिड्डियां खेतों में मरी पड़ी थीं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)