विदेश की खबरें | दक्षिण कोरिया ने कथित रूप से रूस में तैनात उत्तर कोरियाई सैनिकों की जल्द वापसी की मांग की
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने शुक्रवार को कहा था कि उसने, उत्तर कोरिया द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद के लिए इस महीने की शुरुआत में 1,500 विशेष अभियान बल भेजे जाने की पुष्टि की है।

इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि उनकी सरकार को ऐसी खुफिया सूचना मिली है कि 10,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को आक्रमणकारी रूसी सेना में शामिल होने के लिए तैयार किया जा रहा है।

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रूसी राजदूत जॉर्जी जिनोविएव के साथ बैठक के दौरान दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्री किम होंग क्यूं ने उत्तर कोरिया द्वारा सेना भेजे जाने की ‘‘कड़े शब्दों में निंदा की’’ और कहा कि यह दक्षिण कोरिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए ‘‘सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा’’ है।

बयान के अनुसार, किम ने कहा कि दक्षिण कोरिया अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को खतरे में डालने वाली किसी भी कार्रवाई से निपटने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल करेगा।

रूसी दूतावास ने जिनोविएव के हवाले से कहा कि रूस-उत्तर कोरिया के सहयोग का उद्देश्य दक्षिण कोरिया के सुरक्षा हितों के विरुद्ध नहीं है।

सोमवार को नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) महासचिव मार्क रूटे के साथ टेलीफोन पर बातचीत में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने कहा कि दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य सहयोग को नजरअंदाज नहीं करेगा।

यून के कार्यालय के अनुसार, यून ने कहा कि दक्षिण कोरिया जल्द रूस-उत्तर कोरियाई सहयोग के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए नाटो में एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा।

रूटे ने ‘एक्स’ पर लिखा कि उत्तर कोरिया का संभवतः रूस के साथ मिलकर लड़ना ‘‘एक उल्लेखनीय कदम होगा।’’

हालांकि, अमेरिका और नाटो ने उत्तर कोरिया के सैनिकों को रूस भेजे जाने की पुष्टि नहीं की है। लेकिन उनकी मौजूदगी की खबरों ने दक्षिण कोरिया में चिंता पैदा कर दी है। दक्षिण कोरिया ने आशंका जताई है कि रूस उत्तर कोरिया को अत्याधुनिक तकनीक मुहैया करा सकता है जिससे प्योंगयांग के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को तेजी से बढ़ावा मिल सकता है। बदले में रूस उत्तर कोरिया को अपनी सेना भेजने की अनुमति देगा।

सोमवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान उत्तर कोरियाई सैनिकों के बारे में पूछे जाने पर क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति का कार्यालय एवं आधिकारिक आवास) के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, ‘‘इस बारे में कई विरोधाभासी जानकारी सामने आ रही है।’’

पेस्कोव ने कहा, ‘‘दक्षिण कोरिया जब कुछ कहता है तो अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन कहता है कि वह ऐसे बयान की पुष्टि नहीं कर सकता है। कई विरोधाभासी बातें हैं।’’

सोमवार को यूक्रेन मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पश्चिमी देशों के राजदूतों ने दक्षिण कोरियाई खुफिया जानकारी का मुद्दा उठाया, लेकिन किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की।

अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने कहा कि अगर यह सच है तो यह ‘‘एक खतरनाक और अत्यधिक चिंताजनक घटनाक्रम’’ है और अमेरिका ‘‘इस तरह के नाटकीय कदम पर अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ परामर्श कर रहा है।’’

संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि ‘‘इसकी बहुत अधिक संभावना’’ है कि उत्तर कोरिया रूस के युद्ध में सहायता के लिए सेना भेजने पर सहमत हो गया होगा।

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने दक्षिण कोरिया के दावे के साथ-साथ ईरान द्वारा रूस को मिसाइलें और चीन द्वारा हथियारों के पुर्जे मुहैया कराने के पश्चिमी आरोपों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने पश्चिमी देशों पर ‘‘ईरान, ​​चीन और कोरिया के लोगों के साथ मिलकर डर फैलाने का आरोप लगाया।’’

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