नयी दिल्ली/रायपुर, 25 अगस्त कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौटने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद के ढाई—ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे।
छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होने से पहले बघेल ने नयी दिल्ली में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने भी वेणुगोपाल के साथ बैठक की।
सूत्रों के मुताबिक, वेणुगोपाल के आवास पर उनसे दोनों नेता अलग अलग मिले।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अब वेणुगोपाल को बघेल और सिंहदेव के बीच मतभेद खत्म करने के लिए समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।
बघेल के रायपुर लौटने पर स्वामी विवेकानंद विमानतल में उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। इस दौरान कार्यकर्ता भूपेश बघेल जिंदाबाद तथा 'छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश बघेल के संग खड़ा हुआ है' के नारे लगा रहे थे।
विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा, ‘‘सोनिया जी और राहुल जी ने मुझ जैसे किसान को सरकार की जिम्मेदारी सौंपी है। यह सरकार किसानों, आदिवासियों और मजदूरों की है। छत्तीसगढ़ के दो करोड़ 80 लाख लोगों की है। सबका प्रतिनिधित्व करती है। शानदार ढंग से काम रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की खुशी है कि सोनिया जी ने, राहुल जी ने जिम्मेदारी दी है। मैंने पहले भी कहा था कि उनका जब तक आदेश है तब तक मै इस पद पर हूं, जब वह कहेंगे इसका त्याग कर दूंगा। इसमें किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। जो ढाई साल, ढाई साल का राग अलाप रहे हैं वह असल में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कभी सफल नहीं होंगे।’’
बघेल ने मुख्यमंत्री पद से जुड़े सवालों को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर कहा कि इस मामले में पूनिया जी स्पष्ट कह चुके हैं, अब और कुछ बात नहीं रह जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कल राहुल जी से, वेणुगोपाल जी से, पूनिया जी से मुलाकात हुई। छत्तीसगढ़ की योजनाओं के बारे में, यहां के विकास के बारे में और यहां की राजनीतिक स्थिति के बारे में चर्चा हुई। उन्हें यहां की स्थिति से अवगत कराया गया।’’
उन्होंने मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को लेकर कहा कि भाजपा परेशान है कि यहां किसानों की सरकार है और किसान का बेटा मुख्यमंत्री है। उन्होंने कहा कि वह इसे सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं तथा भाजपा के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
बघेल ने कहा कि भाजपा को पहली बार छत्तीसगढ़ में असलियत की जानकारी हुई है और 15 साल में वह 14 सीटों पर सिमट गई है।
राहुल गांधी ने मंगलवार को बघेल और सिंहदेव के साथ बैठक की थी।
बैठक के बाद कांग्रेस के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पुनिया ने इस बात से इनकार किया कि इस बैठक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सभी संभागों के विकास पर चर्चा हुई।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह बैठक दोनों नेताओं के बीच सुलह की कोशिश के तहत बुलाई गई थी और मुख्य रूप से इसी पर केंद्रित भी थी तथा कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई संकेत नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। बहरहाल, कांग्रेस आलाकमान के फिलहाल के रुख से यह संभव दिखाई नहीं देता है।
पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।
हक संजीव
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