जरुरी जानकारी | भारतीय कंपनियों के विदेशी ग्राहकों को दी गयी सॉफ्टवेयर परामर्श सेवाओं पर लगेगा जीएसटी: एएआर

नयी दिल्ली, पांच जुलाई अग्रिम विनिर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने कहा है कि किसी भारतीय कंपनी के विदेशी ग्राहकों को सूचना प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर संबंधी सेवाएं देने वाली कंपनियों पर 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा।

ओरेकल ईआरपी में सॉफ्टवेयर संबंधी परामर्श सेवाएं देने के कारोबार से जुड़ी एक कंपनी ने एएआर की तमिलनाडु पीठ से इस बारे में लागू होने वाली कर व्यवस्था के बार में पूछा था। कंपनी ने पूछा था कि क्या जीएसटी में पंजीकृत कंपनी डोयेन सिस्टम्स के विदेशी ग्राहकों को उसके द्वारा दी गयी सेवा को ‘सेवा का निर्यात’ माना जायेगा।

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उक्त मामले में मूल अनुबंध डोयेन सिस्टम्स और उसके एक अमेरिकी ग्राहक के बीच हुआ था। आवेदक कंपनी को सेवा के एक हिस्से का ठेका दिया गया था और उसे इसके बदले में परामर्श शुल्क का भुगतान मिना था।

आवेदक कंपनी ने इस बारे में डोयेन सिस्टम्स के साथ करार किया था।

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आवेदक कंपनी का मानना था कि चूंकि विदेशी ग्राहक सीधे डोयेन सिस्टम्स को भुगतान करने वाली थी, ऐसे में सेवा पाने वाली कंपनी और डोयेन सिस्टम्स के बीच हुए करार में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

एएआर ने अपने आदेश में कहा कि मामले में दो तरह के करार किये गये हैं। पहला जो पेशेवर व परामर्श सेवाएं देने के लिये आवेदक कंपनी और डोयेन सिस्टम्स के बीच हुआ तथा दूसरा जो सॉफ्टवेयर संबंधी सहायक सेवाएं देने के लिये विदेशी कंपनी और डोयेन सिस्टम्स के बीच हुआ।

एएआर ने कहा कि आवेदक कंपनी ने डोयेन सिस्टम्स को एक परामर्शदाता के रूप में सेवाएं दी और ऐसे में , ‘‘आवेदक द्वारा डोयेन सिस्टम्स को दी गयी सेवाओं को केंद्रीय जीएसटी तथा तमिलनाडु जीएसटी अधिनियम के तहत ‘सेवा की आपूर्ति’ माना जायेगा। अत: आवेदक को सेवा की इस तरह की आपूर्ति पर कर का भुगतान करना पड़ेगा।’’

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा, प्राधिकरण ने फैसला सुनाया है कि भारतीय कंपनियों के विदेशी ग्राहक को सूचना प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयर संबंधी सेवाएं प्रदान करने वाले करदाता 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करने के लिये उत्तरदायी होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी अप्रत्यक्ष निर्यातों के लिये सेवा क्षेत्र को लेकर एक कर तटस्थ स्थिति पर विचार करना चाहिये।

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