राजनांदगांव, 21 दिसंबर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में जारी आरक्षक भर्ती अभियान में कुछ उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए जालसाजी करने के आरोप में शनिवार को चार पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों में बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान कांस्टेबल योगेश ध्रुवे, धर्मराज मरकाम, पुष्पा चंद्रवंशी और परिधि के अलावा भर्ती अभियान में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने वाली एक निजी कंपनी के दो कर्मचारी पवन साहू और नुटेश्वरी ध्रुवे के रूप में हुई है। इनमें पुष्पा, परिधि और नुटेश्वरी महिलाएं हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राजनांदगांव पुलिस रेंज के लिए कांस्टेबल भर्ती अभियान 16 नवंबर को छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) की आठवीं बटालियन के परिसर में शुरू हुआ। इसे हैदराबाद स्थित ‘टाइमिंग टेक्नोलॉजी’ कंपनी के तकनीकी सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में इस्तेमाल किए गए तकनीकी उपकरण, डेटा का भंडारण आदि इस कंपनी की निगरानी में हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 17 दिसंबर को पुलिस उपाधीक्षक तनुप्रिया ठाकुर की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो भर्ती अभियान के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा के तहत ‘शॉटपुट इवेंट’ की प्रभारी थीं। उन्होंने एक उम्मीदवार द्वारा प्राप्त अंकों में जालसाजी का पता लगाया था।
अधिकारियों ने बताया कि उन्हें कुछ उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए अंक दर्ज करने के वास्ते इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण के साथ छेड़छाड़ की जानकारी मिली।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल संदेशों तथा गवाहों के बयानों की जांच से छेड़छाड़ में इन छह आरोपियों की संलिप्तता सामने आई, जिसके बाद उन्हें पकड़ लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
इस बीच पुलिस ने बताया कि कांस्टेबल अनिल रत्नाकर का शव आज सुबह लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में एक पेड़ से लटका मिला। उसपर भर्ती अभियान में अनियमितताओं में शामिल होने के संदेह है।
राजनांदगांव के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया, "रत्नाकर की बाईं हथेली पर पेन से लिखा एक नोट मिला है, जिसमें कहा गया है कि भर्ती में कथित अनियमितताओं में कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है और अधिकारियों को बचाया जा रहा है। प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है और आगे की जांच जारी है।"
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