देश की खबरें | सिद्धरमैया ने अभियोजन स्वीकृति अनुरोधों को मंजूरी देने में राज्यपाल पर भेदभाव करने का आरोप लगाया

बेंगलुरु, 21 अगस्त कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर अभियोजन स्वीकृति अनुरोधों को मंजूरी देते समय भेदभाव करने का बुधवार को आरोप लगाया।

सिद्धरमैया ने कहा कि लोकायुक्त की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने सोमवार को एक बार फिर राज्यपाल को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें कथित अवैध खनन पट्टा मामले में केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी गई है।

एसआईटी ने पिछले साल नवंबर में, केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री कुमारस्वामी पर मुकदमा चलाने के लिए गहलोत से अनुमति मांगी थी। आरोप है कि कुमारस्वामी ने 2007 में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर ‘श्री साई वेंकटेश्वर मिनरल्स’ को कथित तौर पर कानून का उल्लंघन करके खनन पट्टा दिया था।

सिद्धरमैया ने कोप्पल जिले के गनीगेरा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्यपाल ने 26 जुलाई को उन्हें ‘‘कारण बताओ नोटिस’’ जारी किया, जबकि उसी दिन उन्हें उनके (मुख्यमंत्री के) खिलाफ अभियोजन की मंजूरी संबंधी अनुरोध पत्र मिला था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कुमारस्वामी के मामले में गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘क्या उन्होंने (राज्यपाल ने) भेदभाव नहीं किया है?’’

गहलोत ने 16 अगस्त को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूखंड आवंटन घोटाले के संबंध में सिद्धरमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत जांच और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।

सिद्धरमैया ने कहा, "मेरे मामले में किसी पुलिस अधिकारी ने मंजूरी नहीं मांगी थी। लोकायुक्त ने भी मंजूरी नहीं मांगी थी। कोई प्रारंभिक जांच नहीं हुई। इसके बावजूद मंजूरी दे दी गई। उनके (कुमारस्वामी के) मामले में लोकायुक्त ने जांच करने के बाद मंजूरी मांगी (लेकिन मंजूरी नहीं दी गई)। यह भेदभाव है या नहीं?’’

मुख्यमंत्री ने अन्य सवालों के जवाब में कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा है कि कुमारस्वामी को गिरफ्तार किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर (मामले के संबंध में) उन्हें (कुमारस्वामी को) गिरफ्तार करने की कोई परिस्थिति पैदा होगी तो हम बिना किसी झिझक के उन्हें गिरफ्तार करेंगे। अभी ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है।’’

सिद्धरमैया ने मंगलवार को यह भी कहा था कि राज्यपाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व मंत्रियों शशिकला जोले, मुरुगेश निरानी और जी जनार्दन रेड्डी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए लोकायुक्त को अनुमति नहीं दी।

भाजपा ने इस मामले में पारदर्शी और निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग की है।

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