मैसुरु, 29 जुलाई कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर ‘‘झूठ बोलने’’ का आरोप लगाया और हालिया केंद्रीय बजट में राज्य के साथ ‘‘अन्याय’’ करने के लिए उन पर और केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार पर निशाना साधा।
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस शासित कर्नाटक को ‘‘भ्रष्ट राज्य’’ के रूप में बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार नयी दिल्ली जाएंगे, क्योंकि उन्हें कांग्रेस आलाकमान ने ‘‘पार्टी और सरकार’’ के बारे में चर्चा करने के लिए बुलाया है। हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘बजट पूर्व बैठक बुलाई गई थी, हमने वहां कहा था कि आपने (केंद्र ने) कहा है कि आप ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये देंगे। क्या यह बजट में है? यह नहीं दिया गया।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘15वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में विशेष अनुदान के रूप में 5,495 करोड़ रुपये की अनुशंसा की है, क्या यह दिया गया है? कहा गया था कि पेरीफेरल रिंग रोड (बेंगलुरू में) के लिए 3,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। जल स्रोतों के विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था, क्या यह (बजट में) है?’’
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘‘इनमें से कुछ भी बजट में नहीं है, क्या यह अन्याय नहीं है? आंध्र प्रदेश और बिहार को अनुदान दिया गया है, कर्नाटक को क्या दिया गया? केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी और निर्मला सीतारमण कम से कम यह तो कह सकते थे कि वे कर्नाटक को उसका हक दिलाने का प्रयास करेंगे।’’
सीतारमण ने सिद्धरमैया के इस आरोप को रविवार को खारिज कर दिया था कि कर्नाटक को इस साल बजट में उसका उचित हिस्सा नहीं मिला है। वित्त मंत्री ने दावा किया था कि निधि आवंटन के बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है।
सीतारमण ने यह भी आरोप लगाया था कि (कर्नाटक में) बिगड़ती कानून-व्यवस्था के कारण उद्योग जगत भयभीत है और वे राज्य से बाहर जाना चाहते हैं।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘क्या उनके (कुमारस्वामी के) मांड्या निर्वाचन क्षेत्र में कोई नया उद्योग आया है? क्या राज्य में किसी औद्योगिक गलियारा का काम शुरू किया गया है? हमने जो अनुदान मांगा था वह नहीं आया, हमने रायचूर में एम्स, हासन या मैसूर के लिए आईआईटी मांगा था - क्या यह दिया गया?’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (सीतारमण) ऐसा क्या दिया कि कहा जाए कि कोई अन्याय नहीं हुआ है।’’
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘जब भी निर्मला सीतारमण कर्नाटक आई हैं, उन्होंने झूठ बोला है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने पहले भी झूठ बोला है, अब भी झूठ बोल रही हैं। वह राज्य के लिए धन/अनुदान देने का दावा करती हैं, क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक वह राज्य है, जिसने 15वें वित्त आयोग में सबसे अधिक अन्याय का सामना किया है, जबकि वह (सीतारमण) राज्यसभा सदस्य के रूप में राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कर संग्रह में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है, कर्नाटक दूसरे स्थान पर है - ऐसा कौन सा योगदान है, जो हमने नहीं दिया है?’’
उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य सरकार पर अधिक ऋण लेने का आरोप लगा रहा है, ‘‘लेकिन हमने राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम की सीमाओं के भीतर काम किया है - जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का 25 प्रतिशत, जबकि उन्होंने (केंद्र ने) 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक उधार लिया है।’’
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘सभी को मिलकर, राज्य के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ विरोध करना चाहिए।’’
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