नयी दिल्ली, 15 जुलाई : एक्सिओम-4 मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य लोग मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन के प्रवास के बाद 22.5 घंटे करके पृथ्वी पर लौटेंगे और वह कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में उतरेंगे. शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिट्सन तथा मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के स्लावोज़ उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू को लेकर आ रहा ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतिरक्ष यान भारतीय समयानुसार सोमवार शाम 4:45 बजे अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हो गया.
एक्सिओम-4 मिशन का संचालन करने वाली कंपनी स्पेसएक्स ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ड्रैगन अंतरिक्ष यान और एक्सिओम स्पेस एएक्स-4 के सभी सदस्य मंगलवार को भारतीय समयानुसार अपराह्न तीन बजकर एक मिनट पर पृथ्वी के वाायुमंडल में फिर से प्रवेश करेंगे और सैन डिएगो तट पर पानी में उतरेंगे.’’ इसमें कहा गया है कि अंतरिक्ष यान प्रशांत महासागर में उतरने से पहले एक संक्षिप्त ध्वनि विस्फोट के साथ अपने आगमन की घोषणा भी करेगा. अंतरिक्ष यान के पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करते ही भारतीय समयानुसार आज अपराह्न दो बजकर सात मिनट पर प्रशांत महासागर के ऊपर ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ होने की उम्मीद है. यह भी पढ़ें : Pune Bike Accident: पुणे में दर्दनाक हादसा, बाइक फिसलने से ट्रेलर के नीचे आने से युवक की मौत, 3 महीने पहले हुई थी शादी; देखें एक्सीडेंट का दर्दनाक VIDEO
जब कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा होता है और उसे वापस धरती पर लाना होता है, तो उसकी गति को कम करना आवश्यक होता है ताकि वह कक्षा से बाहर निकलकर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके. इसी गति को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स (छोटे इंजन) को एक निश्चित समय और दिशा में दागा जाता है. इस प्रक्रिया को ही ‘डी-ऑर्बिट बर्न’ कहते हैं













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