Shivraj Singh Chauhan is Union Minister for Agriculture: शिवराज सिंह चौहान ने कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभाला, किसानों के कल्याण का संकल्प लिया
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभालते हुए किसानों के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लिया.
नयी दिल्ली, 11 जून : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय का कार्यभार संभालते हुए किसानों के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय भी सौंपा गया है. शिवराज (65) को ‘मामा’ और ‘पांव-पांव वाले भैया’ कहकर भी संबोधित किया जाता है. उन्होंने रविवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. यह उनके तीन दशक से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. कार्यभार संभालने के बाद चौहान ने सोशल मीडिया पर कहा कि कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित देश के संकल्प को साकार करने में अहम कड़ी के रूप में काम करेगा.
चौहान ने कहा, ‘‘ किसान कल्याण प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है.’’ उन्होंने कहा कि वह, उनके साथी मंत्री और अधिकारी एक दल के रूप में मिलकर काम करेंगे. मंत्री ने कहा, ‘‘हम अपनी पूरी मेहनत और प्रयास करेंगे.’’ चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों को एक ‘संकल्प पत्र’ सौंपा है, जिसमें प्रधानमंत्री की गारंटी के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी शामिल है. उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों के कल्याण के हर संकल्प को पूरा करने के लिए भी आज से काम शुरू होगा. आइए, हम सब मिलकर अभी से कृषि और किसानों के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करें.’’ यह भी पढ़ें : देश की खबरें | विभागों के बंटवारे के बाद नायडू और नीतीश ‘असंतुष्ट’ : संजय राउत
शासन में उनके व्यापक अनुभव तथा ग्रामीण आबादी के साथ गहरे जुड़ाव के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में चौहान की नियुक्ति से कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में सरकार के प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है. चौहान ने मध्य प्रदेश में किसानों, ग्रामीणों, महिलाओं तथा बच्चों से जुड़ी सामाजिक-आर्थिक चिंताओं पर गौर किया और अपने दम पर 'धरती पुत्र' की छवि बनाई. भाजपा नेतृत्व ने पिछले साल उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाने का फैसला किया था. भाजपा नेता ने विदिशा लोकसभा सीट पर प्रभावशाली जीत दर्ज की और मंत्रिमंडल में शामिल होकर दरकिनार किए जाने के दावों को पर पूर्ण विराम लगाया.