Maharashtra Political Crisis: शिवसेना सांसद संजय राउत (Shivsena MP Sanjay Raut) ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई’ लड़ने के लिए तैयार है. राउत का यह बयान महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा पार्टी के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए जारी नोटिस के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में प्रस्तावित एक अहम सुनवाई से पहले आया है. शिवसेना नेता ने बागी विधायकों के संदर्भ में रविवार को की गई अपनी कथित टिप्पणी पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि वह विधायकों के ‘मृत हो चुके जमीर’ के बारे में बोल रहे थे और ये लोग अब ‘जिंदा लाश’ की तरह हैं.
राउत रविवार को अपने इस कथित बयान को लेकर आलोचनाओं से घिर गए थे कि असम से 40 शव आएंगे और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए सीधे मुर्दाघर भेज दिया जाएगा शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कुछ भी नहीं किया है। मैंने सिर्फ यही कहा है कि आपका (बागी विधायक) जमीर मर चुका है और आप एक जिंदा लाश की तरह हैं. यह भी पढ़े: ED के समन पर बोले संजय राउत- यह मुझे रोकने की साजिश, मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं चुनूंगा
उन्होंने कहा, “यह एक कानूनी लड़ाई है और सड़क पर भी संघर्ष होगा। यह निश्चित है और पार्टी इसके लिए तैयार है. शिवसेना से विद्रोह करने वाले एकनाथ शिंदे ने रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा उन्हें और पार्टी के अन्य 15 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए जारी नोटिस के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने उपाध्यक्ष के इस कदम को ‘अवैध और असंवैधानिक’ करार देते हुए शीर्ष अदालत से इस पर रोक लगाने की मांग की थी.
राउत ने कहा कि बागी विधायकों को महाराष्ट्र वापस आना होगा और असल परीक्षा राज्य विधानसभा में होगी. केंद्र सरकार द्वारा शिवसेना के कम से कम 15 बागी विधायकों को सीआरपीएफ कमांडो वाली ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने के संदर्भ में राउत ने कहा, “आप लोगों के गुस्से को नहीं रोक सकते। कोई भी पुलिस या कानून इसे नियंत्रित नहीं कर सकता।. यही कारण है कि आपने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुलामी स्वीकार कर ली और सुरक्षा हासिल की.
महाराष्ट्र में शिवसेना कार्यकर्ता बागी विधायकों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके द्वारा कुछ जगहों पर तोड़फोड़ किए जाने की भी खबरें हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से गठबंधन तोड़ने की मांग करने वाले शिंदे गुट पर पलटवार करते हुए राउत ने पूछा कि बागी विधायक कैसे उस भाजपा से हाथ मिला सकते हैं, जिसने कश्मीर में ‘पाकिस्तान की तरफ झुकाव रखने वाली’ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के साथ गठबंधन किया था.
राउत ने सवाल किया कि बागी विधायक कैसे केंद्र की भाजपा नीत सरकार से हाथ मिला सकते हैं, जिसे ‘मालूम नहीं’ कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 40 सुरक्षाबलों की जान लेने वाले विस्फोटक कहां से आए. उन्होंने बागी विधायकों को ऐसा एक भी उदाहरण बताने की चुनौती दी, जब शिवसेना ने हिंदुत्व से किनारा किया हो.
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि बागी विधायक केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके वोट हासिल नहीं कर सकते. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री उदय सामंत के शिंदे गुट में शामिल होने के मुद्दे पर राउत ने कहा कि अगर संगठन में 40 साल बिता चुके शिंदे जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी को धोखा देने के बारे में सोच सकते हैं तो किसी और को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है.
शिवसेना के ज्यादातर विधायक शिंदे के साथ हैं और फिलहाल असम के गुवाहाटी शहर में डेरा डाले हुए हैं। इससे महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में आ गई है.
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