मुंबई, 21 जून महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) को विधान परिषद चुनावों में छह में से एक सीट पर हार मिलने के एक दिन बाद पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को कहा कि राज्य के मंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे एकांतवास में चले गए हैं। हालांकि, पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि शिंदे से संपर्क हो गया है।
यह घटनाक्रम शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के एमवीए गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि बताया जा रहा है कि शिवसेना के कुछ विधायक शिंदे के संपर्क में हैं। पार्टी के एक नेता ने कहा कि शिंदे कुछ विधायकों के साथ गुजरात में हो सकते हैं।
वहीं, संजय राउत ने कहा कि शिवसेना के कार्यकर्ता पार्टी के प्रति वफादारी रखते हैं और मध्य प्रदेश तथा राजस्थान की तरह महाराष्ट्र में एमवीए सरकार को गिराने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रयास सफल नहीं होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे एक भरोसेमंद शिवसैनिक हैं और पार्टी के उन तक पहुंचने के बाद ‘लापता’ विधायक भी वापस आ जाएंगे।
इससे पहले, शिवसेना के एक नेता ने कहा था कि शिंदे के गुजरात में होने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने उन विधायकों की संख्या और विवरण का खुलासा नहीं किया, जो शिंदे के साथ हो सकते हैं। शिंदे का मुंबई के कुछ उपनगरों में प्रभाव है।
नेता ने कहा, ‘‘वह (शिंदे) सोमवार को तब विधानसभा परिसर स्थित शिवसेना कार्यालय में थे, जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे वहां मौजूद थे। लेकिन उसके बाद उनके बारे में किसी को पता नहीं है। वह मतगणना (विधान परिषद चुनावों के लिए) के दौरान मौजूद नहीं थे।’’
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे शिवसेना के कुछ विधायकों के साथ गुजरात के सूरत शहर के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इस बीच, राउत ने कहा कि एमवीए सरकार गिराने के लिए भाजपा का ‘‘मध्य प्रदेश और राजस्थान’’ सरीखा पैंतरा सफल नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘लापता विधायकों से जब हमारा संपर्क हो जाएगा तो वे वापस आ जाएंगे। शिंदे एक भरोसेमंद शिवसैनिक हैं। शिवसेना विश्वासपात्रों की पार्टी है और इसके कार्यकर्ता सत्ता व पद के लालच में नहीं आने वाले हैं।’’
राउत ने कहा कि अगर शिंदे को मुख्यमंत्री को लेकर कोई गलतफहमी हुई है तो उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने (राकांपा प्रमुख) शरद पवार और एमवीए के अन्य नेताओं से बात की है।’’
पास के ठाणे शहर में स्थित शिंदे के बंगले के बाहर गतिविधियां सामान्य हैं और उनके बेटे से संपर्क नहीं हो पाया है।
विपक्षी दल भाजपा ने सोमवार को राज्य विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में पांच उम्मीदवार उतारे थे और सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार एवं दलित नेता चंद्रकांत हंडोरे चुनाव हार गए थे। इस महीने की शुरुआत में हुए राज्यसभा चुनावों के बाद एमवीए के लिए यह एक और झटका था।
शिवसेना और राकांपा के दो-दो उम्मीदवार जीते थे, जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट हासिल करने में सफल रही। विधान परिषद की 10 सीटों पर हुए चुनाव के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे।
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