Shiv Sena Symbol Row: शिंदे गुट ने किया EC के सामने असली शिवसेना होने का दावा, मामले पर अगली सुनवाई 17 जनवरी को
शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष उच्चतम न्यायालय के 1971 के एक फैसले का हवाला दिया, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले समूह को मूल कांग्रेस के रूप में मान्यता दी थी.
Shiv Sena Symbol Row: शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग के समक्ष उच्चतम न्यायालय के 1971 के एक फैसले का हवाला दिया, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले समूह को मूल कांग्रेस के रूप में मान्यता दी थी. शिवसेना के एकनाथ शिंदे नीत गुट ने इस फैसले का हवाला बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी पर दावा पेश करते हुए दिया. निर्वाचन आयोग के सामने शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने यह भी कहा कि 2018 में उद्धव ठाकरे द्वारा शिवसेना के संविधान में “गुप्त और असंवैधानिक” बदलाव और पार्टी में वैचारिक बदलाव आया.
इसके चलते पार्टी ने 2019 में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई, जो संगठन में विभाजन का कारण बनी. शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों ने बगावत कर दी, जिसके चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिर गई और फिर शिंदे पिछले साल जून में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने. तब से शिवसेना के शिंदे और ठाकरे गुटों में संगठन पर नियंत्रण को लेकर लड़ाई चल रही है. यह भी पढ़े: Shiv Sena Symbol Row: उद्धव-शिंदे गुट को बड़ा झटका, EC ने अगले आदेश तक शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह पर लगाईं रोक
जेठमलानी ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अभ्यावेदन देने के बाद संवाददाताओं से कहा, “असली शिवसेना हम हैं. हमारे पास संख्या बल है और वास्तविक संगठन पर भी हमारा नियंत्रण है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ठाकरे गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वह 17 जनवरी को निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी दलील रखेंगे.
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