मुंबई, आठ दिसंबर किसान नेता राजू शेट्टी ने रविवार को प्रस्तावित 802 किलोमीटर लंबे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि भूमि अधिग्रहण का खर्च बढ़ा दिया गया है और किसानों को कम मुआवजा दिया गया है।
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख शेट्टी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में सरकार पर किसानों की कीमत पर मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया।
प्रस्तावित एक्सप्रेस वे विदर्भ क्षेत्र के वर्धा जिले के पवनार को कोंकण के तटीय जिले सिंधुदुर्ग के पतरादेवी से जोड़ेगा। पड़ोसी गोवा राज्य में प्रवेश करने से पहले यह महाराष्ट्र के 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 86,000 करोड़ रुपये है, जो प्रति किलोमीटर 107 करोड़ रुपये है।
पूर्व सांसद ने कहा कि यह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित मानक से प्रति किलोमीटर 20-25 करोड़ रुपये अधिक है।
किसान नेता ने कहा कि इसका मतलब है कि राज्य को प्रति किलोमीटर 75-76 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।
उन्होंने दावा किया कि शक्तिपीठ परियोजना के लिए किसानों को दिया जाने वाला मुआवजा मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के लिए प्रस्तावित मुआवजे का मात्र 40 प्रतिशत होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार किसी भी कीमत पर शक्तिपीठ महामार्ग (किसानों पर) थोपने के लिए दृढ़ है, लेकिन हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे।’’
शेट्टी ने टोल राजस्व मॉडल की भी आलोचना करते हुए कहा कि इसका लाभ उन किसानों को नहीं मिलेगा जो एक्सप्रेसवे के लिए अपनी जमीन देंगे।
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