Odisha: ओडिशा में 10 साल में सात बाघ व 48 तेंदुओं की मौत हुई: वन मंत्री गणेश राम सिंहखुंटिया
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भुवनेश्वर, 10 सितंबर : ओडिशा के वन मंत्री गणेश राम सिंहखुंटिया ने मंगलवार को विधानसभा को बताया कि बीते 10 साल में राज्य में सात बाघों और 48 तेंदुओं की मौत हो गई. मंत्री ने बताया कि इन बाघों की मौत वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2023-24 के बीच हुई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक टंकधर त्रिपाठी के सवाल के लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि बीते 10 साल में 48 तेंदुओं और सात बाघों की मौत हुई है और इन मौतों का कारण शिकार व दुर्घटनाओं के साथ-साथ प्राकृतिक भी हैं.

इस दौरान दो रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) की शिकार के कारण मौत हुई, जबकि तीन डूबने, पहाड़ों से फिसलने और आपसी लड़ाई जैसी विभिन्न घटनाओं में मारे गए. एक बाघ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई. उन्होंने बताया कि एक बाघ की मौत का कारण अज्ञात है. मंत्री ने अपने बयान में कहा कि पिछले 10 वित्तीय वर्षों के दौरान 21 तेंदुओं की मौत अवैध शिकार के कारण, चार की करंट लगने से, दो की रेल दुर्घटनाओं में, तीन की सड़क दुर्घटनाओं में, पांच की बीमारी के कारण और चार की प्राकृतिक वजह से मौत हुई. यह भी पढ़ें : अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह के ‘मुख्य संचालक’ को यूएई से भारत लाया गया: सीबीआई

पिछले दशक में राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश से दो रॉयल बंगाल टाइगर (एक नर और एक मादा) ओडिशा लाया गया है. उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान किसी भी बाघ को राज्य के बाहर किसी अन्य जंगल में स्थानांतरित नहीं किया गया है. सदन को दिए एक अन्य लिखित बयान में वन मंत्री ने कहा कि 2013-14 से 2023-24 के दौरान ओडिशा में 760 हाथियों की मौत की सूचना मिली, जिनमें से 41 हाथियों को शिकारियों ने मार डाला. उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान हाथियों के हमलों में 1,145 लोग मारे गए.