मुंबई, 31 अक्टूबर आईटी शेयरों में गिरावट और विदेशी कोष की लगातार निकासी के कारण बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार को गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई सेंसेक्स 553.12 अंक गिरकर 79,389.06 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह 654.25 अंक गिरकर 79,287.93 पर आ गया था। एनएसई निफ्टी 135.50 अंक गिरकर 24,205.35 पर आ गया।
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एशियन पेंट्स, इन्फोसिस और मारुति सुजुकी के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
वहीं, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के सितंबर तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ पांच प्रतिशत बढ़कर 3,395 करोड़ रुपये रहने से उसका शेयर लगभग छह प्रतिशत उछला। इसके अलावा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक और सन फार्मा के शेयर बढ़त में रहे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 4,613.65 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों में हल्की गिरावट के साथ कारोबार हुआ, जबकि अमेरिकी आईटी कंपनियों में कमजोरी के कारण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में व्यापक बिकवाली देखी गई, जिसके कारण घरेलू आईटी कंपनियां कमजोर प्रदर्शन की छाया में आ गईं।”
उन्होंने कहा, “दूसरी तिमाही में घरेलू आय में कमजोरी के कारण निवेशक सतर्क बने हुए हैं। हालांकि, बाजार को उम्मीद है कि मुख्य सेक्टर डेटा और सरकारी खर्च में उछाल के कारण दूसरी छमाही में गति उलट जाएगी, जिससे संवत 2081 निवेश रणनीति पर असर पड़ने की संभावना है।”
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 1.62 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि मिडकैप सूचकांक में 0.34 प्रतिशत की गिरावट आई।
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की 225 और हांगकांग का हैंगसेंग घाटे में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट बढ़त में बंद हुआ।
यूरोपीय बाजार बुधवार को गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे जबकि अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, “माह के अंतिम दिन बाजार दबाव में रहा और इसमें आधे प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों में शुरुआती कमजोरी ने धारणा को प्रभावित किया, तथा बाद में अन्य क्षेत्रों में भी गिरावट आई। हालांकि, चुनिंदा दिग्गज शेयरों में मजबूती ने कुल नुकसान को सीमित करने में मदद की।”
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.81 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)