मुंबई, 28 अक्टूबर शेयर बाजारों में बुधवार को बड़ी गिरावट आयी। यूरोप और अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के फिर से फैलने और इसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ लगाये जाने की आशंका के बीच वैश्विक स्तर पर बिकवाली का घरेलू शेयर बाजारों पर असर पड़ा और बीएसई सेंसेक्स 600 अंक लुढ़क गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 11,750 अंक से नीचे आ गया।
कारोबारियों के अनुसार इसके अलावा रुपये की विनिमय दर में गिरावट और कुछ कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम हल्के रहने से निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा।
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तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स एक समय 39,774.60 अंक तक नीचे चला गया था। बाद में इसमें कुछ सुधार आया। फिर भी अंत में पिछले दिन के बंद के मुकाबले 599.64 अंक यानी 1.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 39,922.46 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 159.80 अंक यानी 1.34 प्रतिशत लुढ़क कर 11,729.60 अंक पर बंद हुआ।
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सेंसेक्स में शामिल शेयरों में इंडसइंड बैंक में सबसे ज्यादा नुकसान रहा। इसमें 3.45 प्रतिशत की गिरावट आयी। इसके अलावा एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में भी गिरावट रही।
टाइटन का शेयर 1.20 प्रतिशत नीचे आया। टाटा समूह की इस कंपनी का एकल आधार पर शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 37.81 प्रतिशत घटकर 199 करोड़ रुपये रहने से कंपनी का शेयर टूटा।
भारती एयरटेल की अगुवाई में सेंसेक्स के केवल चार शेयर लाभ में रहे। कंपनी का शेयर 4.26 प्रतिशत मजबूत हुआ। देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी को जुलाई-सितंबर तिमाही में अब तक की सर्वाधिक एकीकृत आय हुई है। इससे कंपनी को अपने घाटे को कम करने में मदद मिली।
कंपनी की एकीकृत आय 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़कर 25,785 करोड़ रुपये हो गई। इससे उसका शुद्ध घाटा कम होकर 763 करोड़ रुपये रह गया।
इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति और एल एंड टी भी लाभ में रहीं।
यूरोप के कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच फ्रांस, जर्मनी और अन्य देशों में ‘लॉकडाउन’ की आशंका बढ़ी है। इससे यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट रही। इसके अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले अनिश्चितता का भी बाजार पर असर पड़ा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर खासकर यूरोप और अमेरिका में कोविड-19 के बढ़ते मामले चिंताजनक है। इससे निपटने के लिये फिर से कड़ाई से ‘लॉकडाउन लगाया जा सकता है। फलत: आर्थिक पुनरूद्धार का जो शुरूआती चरण दिख रहा है, उस पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके अलावा कोई प्रोत्साहन उपायों की घोषणा नहीं की गयी है। साथ ही अमेरिका में चुनाव से भी निवेशक थोड़े सतर्क है।’’
उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने में डेरेविटव्स खंड में अनुबंधों के समाप्त होने से पहले भी बाजार में उतार-चढ़ाव आया। हम बाजार को लेकर अपना सतर्क रुख दोहरा रहे हैं और शेयर केंद्रित कारोबार का सुझाव है।
यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग और तोक्यो नुकसान में रहे जबकि शंघाई और सोल बढ़त के साथ बंद हुए।
इस बीच, अंतररष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 40.28 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। वहीं, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे लुढ़क कर 73.87 पर बंद हुआ।
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