Sensex Update: सेंसेक्स पहली बार 85,000 अंक के पार बंद, निफ्टी ने लांघा 26,000 अंक का स्तर

मुंबई, 25 सितंबर : प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को पहली बार 85,000 अंक के स्तर से ऊपर बंद हुआ, जबकि निफ्टी भी नए सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया. दिन में कारोबार के अंतिम कुछ घंटों में बैंकिंग और बिजली क्षेत्र के शेयरों में खरीदारी के चलते शेयर बाजारों को शुरुआती नुकसान की भरपाई करने में मदद मिली. उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 255.83 अंक या 0.30 प्रतिशत बढ़कर 85,169.87 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुआ. दिन में यह 333.38 अंक या 0.39 प्रतिशत बढ़कर 85,247.42 अंक के उच्चस्तर पर पहुंचा था.

दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 63.75 अंक या 0.25 प्रतिशत चढ़कर 26,004.15 अंक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान यह 92.4 अंक या 0.35 प्रतिशत बढ़कर 26,032.80 अंक के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया था. सेंसेक्स की 30 कंपनियों में पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. दूसरी ओर टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और जेएसडब्ल्यू स्टील नुकसान के साथ बंद हुए. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘सीमित दायरे में कारोबार के बाद प्रमुख सूचकांकों में बढ़त दर्ज की गई, जिसकी अगुवाई बिजली और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों ने की. दूसरी ओर मझोले और छोटी कंपनियों के सूचकांकों में मूल्यांकन संबंधी चिंताओं के कारण गिरावट हुई.’’ यह भी पढ़ें : दिल्ली : एमसीडी स्थायी समिति सदस्य चुनाव से पहले ‘आप’ के दो पार्षद भाजपा में शामिल

उन्होंने कहा कि एफआईआई के प्रवाह में गिरावट और अन्य उभरते बाजारों में सस्ते मूल्यांकन के कारण घरेलू बाजार को अल्पकालिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए. दूसरी ओर दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की कमजोरी के साथ बंद हुए. अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुए. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 2,784.14 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत गिरकर 74.91 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.