नयी दिल्ली, 28 नवंबर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ने के साथ ही उसके लिए आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत वैश्विक आशावाद के केंद्र में है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं।’’
जनरल चौहान ने कहा, ‘‘जब हम प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं, हमारा मानना है कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव हैं।’’
वह ‘सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज’ और ‘इंडियन मिलिटरी रिव्यू’ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के सुरक्षा परिदृश्य के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की आवश्यकता है।’’
जनरल चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि सभी हितधारकों को जोड़ने वाला एक सामान्य सूत्र ‘‘राष्ट्रीय हित’’ है।
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