
वायनाड (केरल), एक अगस्त वायनाड जिले में भीषण भूस्खलन ने ऐसी तबाही मचाई है कि शवों का अंत्यपरीक्षण करने वाले चिकित्सक भी सिहर उठे हैं। स्थानीय अस्पताल में पोस्टमार्टम (अंत्यपरीक्षण) के लिए तैनात एक चिकित्सक ने त्रासदी का दिल दहला देने वाला विवरण पेश करते हुए कहा कि हमारे सामने यह ऐसा दृश्य था जिसे में शायद ही जीवन में कभी भूल पाउंगी।
उन्होंने रूंधे गले से कहा,‘‘मैं तो पोस्टमार्टम करने की आदी हो चुकी हूं, लेकिन यहां ऐसा (दृश्य) था जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।’’
एक शव के पोस्टमार्टम के बारे में बताते हुए चिकित्सक ने कहा, ‘‘शव इतनी बुरी तरह कुचला जा चुका था कि मैं दोबारा देखने की हिम्मत नहीं जुटा पायी। ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा था।’’ उन्होंने कहा कि इस भयावह तबाही ने उन्हें अंदर तक हिला दिया है।
इस क्षेत्र में वर्षों का अनुभव रखने वाली चिकित्सक ने अपनी पहचान उजागर करने की अनिच्छा जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने अपने करियर में कई शव देखे हैं लेकिन ये (शव) उससे अलग था। (भूस्खलन का) इतना भयंकर असर था कि ऐसा लगा कि उस इंसान को चकनाचूर कर दिया गया हो।’’
इस बीच वहां और अधिक शव लाये जाने लगे, जिनमें से अधिकतर बुरी तरह क्षत-विक्षत थे।
उन्होंने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘जब मैंने पहला शव देखा तो मैंने खुद से कहा कि मैं यह नहीं कर सकती। यह बुरी तरह कुचला हुआ था और दूसरा शव एक साल के बच्चे का था। मैंने महसूस किया मैं यह (पोस्टमार्टम) नहीं कर पाउंगी और मैं वहां से भागकर किसी ऐसे अस्पताल में चले जाना चाहती थी, जहां हम बच गये लोगों की देखभाल कर सकें। लेकिन उस दिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था और हमने 18 पोस्टमार्टम किए।’’
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